KNEWS DESK… भारत औऱ चीन के बीच सीमा विवाद थम नहीं रहा है। दोनों सेनाओं के बीच कई स्तरों पर वार्तालाप भी हो चुकी है। जिसके बाद भी लगातार चीन कुछ ऐसा करता आ रहा है जिससे भारत औऱ चीन के बीच सीमा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। एक बार फिर से चीन ने पूर्वी लद्दाख से लेकर अरूणांचल प्रदेश तक फैली LAC पर सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है। जिसके चलते सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने 27 जुलाई को लेह में 14 कोर मुख्यालय का दौरा कर हालातों का जायजा लिया।
दरअसल आपको बता दें कि एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन सीमा के नजदीक अपनी सैन्य ताकत को एक बार फिर से बढ़ा रहा है। जिसमें आगे बताया गया है कि सेना प्रमुख इस हालात को मद्देनजर रखते हुए सीमा के कपछ औऱ क्षेत्रों का भी दौरा कर सकते हैं। हाल ही में जनरल मनोज पांडेय ने पाकिस्तानी सीमा के पास सियाचीन ग्लेशियर का भी दौरा किया था।
गौरबतल हो कि भारत और चीन के बीच अप्रैल महीने में सीमा विवाद को लेकर वार्तालाप हुई थी। इस दोरान चीनी सेना की तरफ से देपसांग का साथ-साथ पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में चार्डिंग निंगलुंग नाला के करीबी उपस्थित सेना को हटाने से मना कर दिया था। जिसके बाद दोनों देशों के बीच कोर कमांडर-स्तरीय बात का 19वां दौर शुरू होना है। जानकारी के लिए बता दें कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य टकराव को कम करने को लेकर अब तक कोई भी कदम नहीं उठाया है। इसके उलट वो इन इलाकों में लगातार अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने में जुटा है। चीन ने सीमा के इन इलाकों में चीनी सेना सतह से हवा में मार करने वाली घातक मिसाइलें, रडार और गोला-बारूद के साथ मौजूद है।
पीएम मोदी पर कांग्रेस ने साधा निशाना
जानकारी के लिए बता दें कि चीन से इस मामले पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक दूसरे का अभिवादन स्वीकार किए जाने संबंधी विदेश मंत्रालय के बयान को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा, क्या बीजिंग के साथ सीमा विवाद सुलझ गया है? कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने सरकार से ये भी पूछा कि क्या आखिरकार चीनी सैनिक डेपसांग और डेमचोक से पीछे हट जाएंगे? विदेश मंत्रालय ने 27 जुलाई को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में एक डिनर के दौरान एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाए रखने की जरूरतों पर बातचीत की थी।
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