राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का आयोजन, महिलाओं को शाखा में शामिल करने का हो सकता है फैसला

चंडीगढ़, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाओं में अब महिलाओं को भी शामिल किया जा सकता है। संघ इसको लेकर विचार कर रहा है और जल्द ही फैसला ले सकता है। अब तक महिलाओं को संघ की शाखाओं में शामिल नहीं किया जाता था। वो दुर्गा वाहिनी व अन्य संगठनों से जुड़ी हुई थी। अब सीधे संघ की शाखाओं से जुड़ेंगी। इसके साथ संघ सामाजिक समरस्ता और सर्व धर्म को बढ़ाने के साथ शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 300 वर्ष पर देशभर में कार्यक्रम करेगा। ये तीनों प्रस्ताव संघ की वार्षिक बैठक में लाए जाएंगे।

समालखा के पट्टीकल्याणा गांव स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में रविवार को अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन सह सरकार्यवाह डा. मनमोहन वैद्य ने महिलाओं को शाखाओं से जोड़ने की जानकारी एक सवाल का जवाब देते हुए दी। इससे पहले सरसंघचालक डा. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने पहले दिन की बैठक शुरू की। सबसे पहले आरएसएस का मंत्र पढ़ा। इसके बाद तीनों प्रस्तावों पर विमर्श शुरू किया गया।

सह सरकार्यवाह डा. मनमोहन वैद्य ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की 42613 दैनकि शाखाएं लगाई जा रही हैं। इसके अलावा साप्ताहिक और मासिक बैठक भी लगाई हाती हैं। मासिक बैठकों के दौरान स्वयंसेवक गांवों में जाते हैं और राष्ट्रीय व सामाजिक विषयों पर चर्चा करते हैं। यहां से निकलने वाले विषयों को अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में भी चर्चा की जाती है। सभा की तीन दिवसीय बैठक साल में एक बार मार्च महीने में होती है। इसमें विभिन्न विभागों व संगठनों के पदाधिकारी शामिल होते हैं।

2020 की मुकाबले में शाखा बढ़ी 
आरएसएस का शाखा विस्तार का भी कार्य प्रमुख है। वर्ष 2020 में पिछले वर्षों की अपेक्षा शाखाओं में वृद्घि हुई है। इस वर्ष शताब्दी कार्यक्रम चलाया जाएगा। 2025 तक शाखाओं की संख्या एक लाख तक लेकर जानी हैं। इसमें प्राथमिक शिक्षा से शाखा लगानी शुरू कर दी जाती हैं। संघ ने देश को 911 जिलों में बांट रखा है। इनमें से 901 जिलों में शाखा का कार्य 90 प्रतिशत हो रहा है। शताब्दी वर्ष शुरू होने के बाद संघ के 1300 विस्तारक गांवों में प्रवास पर हैं। संघ जल्द ही 1500 और विस्तारकों को रवाना करेगा।

वेबसाइट के माध्यम से संघ तक पहुंच रहे लोग 
लोगों के जुड़ाव का बड़ा माध्यम संघ की वेबसाइट है। लोग संघ की वेबसाइट को सर्च करते हैं और यहां पर संघ से जुड़ने की अपनी इच्छा जताते हैं। 2017 से 2022 तक 7.25 लाख लोगों के आवेदन मिले हैं। इनमें से 20 से 35 वर्ष आयु वर्ग के अधिक हैं। इसके अलावा संघ के कार्यों पर आरोप लगने पर सच्चाई जानने के लिए भी लोग वेबसाइट का सहारा लेते हैं।

तीन मुख्य प्रस्तावों पर होगी चर्चा 
सह सरकार्यवाह डा. मनमोहन वैद्य ने बताया कि स्वाधिनता का अमृत महोत्सव चल रहा है। इसके साथ संघ वार्षिक बैठक में प्रस्ताव लाता है। इन्हीं प्रस्तावों पर आगे वर्षभर कार्य किए जाते हैं। इस बार पहला प्रस्ताव सामाजिक समरस्ता का लाया जाएगा। इसमें भारत के विकास की नीति बनाई जाएगी। इसके लिए समाज का सहयोग और इसको पूरा करने का तरीका बताया जाएगा। दूसरा प्रस्ता सर्व धर्म पर होगा। इसमें सबको जोड़ने का रहेगा। इसके अंतर्गत भगवान महावीर के परिनिर्वाण के जीवन संदेश और स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्म शताब्दी वर्ष पूरे होने पर जीवन व सिद्घांतों के बारे में लोगों को बताना है। तीसरा प्रस्ताव शिवाजी महाराज के जीवन व संदेशों को लोगों तक पहुंचाने का रहेगा। शिवाजी महाराज के राजभिषेक को 300 वर्ष पूरे होंगे।

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