1973 के बजट को क्यों कहा जाता है ब्लैक बजट

कानपुर- देश के आजाद होने के बाद से अब तक  74 वार्षिक बजट पेश किए जा चुके हैं। इसके अलावा 14 अंतरिम बजट, 4 विशेष बजट पेश किए जा चुके हैं। जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी  ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने खुद बजट को पेश किया था। लेकिन क्या आप ब्लैक बजट के बारे में जानते हैं। आजाद भारत में अभी तक केवल एक बार ही ब्लैक बजट पेश किया गया था। देश में हर बार जब बजट आता है तो एक नई उम्मीद लेकर आता है। इस बार के बजट से देश में वेतनभोगी वर्ग, महिलाओं, कारोबारियों आदि को काफी उम्मीदें हैं। बजट नए सुधार, नई योजनाएं और नए नियम देकर जाता है। साल 1997-98 में जो बजट पेश किया गया था उसे ड्रीम बजट कहा गया था , लेकिन क्या आपको ब्लैक बजट के बारे में पता है?

आपको बता दे कि आजाद भारत में अभी तक सिर्फ एक बार ही ब्लैक बजट पेश करना पड़ा है। आखिर क्या होता है ब्लैक बजट जिसे अभी तक एक बार पेश किया गया था। इसे क्यों और कब पेश किया गया था।

साल 1973 में ब्लैक बजट को पेश किया गया था। दरअसल ब्लैक बजट उसे कहते हैं जिसमें सरकार को खर्च में कटौती करनी पड़ जाए। इसे ऐसे समझिए अगर सरकार की आमदनी 100 रुपये हो और उसका खर्च 125 रुपये हो तो सरकार को बजट में 25 रुपये की कटौती करनी पड़ जाएगी। ऐसे में इसे ब्लैक बजट कहा जाएगा। बात साल 1973-74 की है। इस दौरान सरकार ने जो बजट पेश किया था वो 550 रुपये घाटे का था।इसका कारण था साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ युद्ध । ऐसे में देश में हालात काफी खराब हो गए थे। देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था। यह वो साल था जब मानसून भी अच्छा नहीं हुआ था। इंदिरा गांधी की सरकार थी। इन सभी हालातों की वजह से देश की कमाई कम और खर्चा ज्यादा हो गया था। देश की अर्थव्यवस्था का काफी नुकसान हुआ था। ऐसे में उस समय के वित्त मंत्री यशवंत राव बी चव्हाण को ब्लैक बजट पेश करना पड़ गया था।

About Post Author