चंद्रयान-3 मिशन में एलवीएम3-एम4 रॉकेट का यूज, गगनयान के लिए एक बड़ी सफलता

KNEWS DESK-  इसरो के एलएमवी3 रॉकेट ने चंद्रयान 3 को लॉन्च किया। चंद्रयान-3 मिशन में एलवीएम3-एम4 रॉकेट का यूज किया गया। यह रॉकेट अपनी श्रेणी में सबसे बड़ा और भारी है। यही वजह है कि वैज्ञानिक इस रॉकेट को ‘फैट बॉय’ या ‘बाहुबली’ भी कहते हैं। भारत के पहले मानव मिशन के लिए उसी रॉकेट का एक संशोधित संस्करण – LVM-3 – का यूज किया जाएगा। चंद्रयान-3 को इसरो के जिस रॉकेट से लॉन्च किया गया था, उसी के संसोधित संस्करण का उपयोग अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन के लिए किया जाएगा।

chandrayaan 3 successful launch big foot towards india's first manned mission Gaganyaan Chandrayaan 3 Launch: चंद्रयान-3 के बाद अब गगनयान, सफल होगा पहला मानव मिशन, इसरो के 'बाहुबली' ने दिलाया भरोसा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया। इस सफल प्रक्षेपण को गगनयान-1 के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इसके पीछे वजह है वह रॉकेट जिससे चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया। चंद्रयान-3 मिशन में एलवीएम3-एम4 रॉकेट का यूज किया गया। यह रॉकेट अपनी श्रेणी में सबसे बड़ा और भारी है। यही वजह है कि वैज्ञानिक इस रॉकेट को ‘फैट बॉय’ या ‘बाहुबली’ भी कहते हैं। भारत के पहले मानव मिशन के लिए उसी रॉकेट का एक संशोधित संस्करण – LVM-3 – का यूज किया जाएगा।

41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर एक बार फिर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा। ऐसा करने के साथ ही भारत चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले अमेरिका, रूस और चीन के क्लब में शामिल हो जाएगा। चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए 23 अगस्त का इंतजार करना होगा लेकिन शुक्रवार को इसका सफल प्रक्षेपण भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन गगनयान-1 के लिए बड़ी सफलता के रूप में सामने आया है।

इस रॉकेट में कई ऐसे सिस्टम का उपयोग किया गया जो ह्यूमन रेटेड हैं। ह्यूमन रेटेड सिस्टम उसे कहा जाता है, जिसमें इंसानों को भविष्य में ले जाने के लिए सुरक्षा की विश्वसनीयता बढ़ाई जाती है। उन्होंने कहा, शुक्रवार के लॉन्च में ह्यूमन रेटेड ठोस स्ट्रैप ऑन मोटर्स का उपयोग किया। इसके साथ ही दूसरे चरण का एल110 विकास इंजन भी ह्मूयन रेटेड है।

 

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