लंदन में धीरेंद्र शास्त्री बोले-कोहिनूर लेकर लौटेंगे भारत,पहले भारत में अंग्रेज बोलते थे… अब हम बोल रहे

KNEWS DESK.. बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र शास्त्री लंदन गए हुए हैं। यहां वो लोगों को राम कथा सुना रहे हैं। यहीं पर एक प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि हम कोहिनूर लेकर ही भारत वापस जाएंगे। धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि उन्हें लगातार भारत से फोन आ रहे हैं और लोग पूछ रहे हैं कि वो भारत कब लौटेंगे।

आपको बता दें कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों लंदन में कथा सुना रहे हैं। भारत से लोग फोन कर पूछ रहे हैं कि कब आएंगे जवाब में धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं  कि अब उनको लंदन में ही बहुत अच्छा लग रहा है। पहले क्या होता था? अंग्रेज भारत में जाकर बोलते थे और हमारे पूर्वज उनके बातों को सुनते थे। लेकिन आज समय बदल गया है। अब हम इंग्लैंड आकर बोलते हैं और वे लोग हमारी बातें सुनते हैं। ब्रिटेन के लोग बड़े अच्छे हैं। मैं चाहता हूं कि यहां के राजा इसी तरह से अपने देश की अर्थव्यवस्था एवं आध्यात्म को लगातार बढ़ावा देते रहें। इसके साथ ही मैं लंदन के लोगों को धन्यवाद भी करना चाहता हूं।

कई बेशकीमती जड़े हैं पत्थर

जानकारी के लिए बता दें कि कोहिनूर हीरे का इतिहास विवादों से भरा हुआ है। वर्ष 1849 में अंग्रेजों ने पंजाब पर कब्जा किया था। इसके बाद यहां के महाराजा दिलीप सिंह को सरेंडर करने के लिए मजबूर किया गया था । इसके बाद लाहौर संधि के तहत दिलीप सिंह के सामने कोहिनूर को ब्रिटिश सरकार को  देने की शर्त रखी गई थी। जिसके बाद उन्होंने कोहिनूर हीरे को लेकर ब्रिटेन की माहारानी विक्टोरिया को दे दिया था। कोहिनूर को कब्जा करने के बाद इसे ब्रिटेन के शाही ताज में लगा दिया गया माना जाता है कि कोहिनूर जड़े इस ताज को सबसे पहले ब्रिटेन की क्वीन मदर ने पहना था। जिसके बाद इस ताज को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को दिया गया था। इस ताज में कोहिनूर के अलावा अफ्रीका का बहुमूल्य हीरा ग्रेट स्टार ऑफ अफ्रीका सहित कई बेशकीमती पत्थर भी जड़े हुए हैं। कोहिनूर को दुनिया का सबसे मशहूर और बेशकीमती हीरा माना जाता है। इसको लेकर भारत हमेशा से दावा करता आया है। मौजूदा समय में कोहिनूर  ब्रिटिश ताज का गौरव है और इसे लंदन के टॉवर में रखा गया है। इस ताज की कीमत करीब 40 करोड़ डॉलर है।

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