नई दिल्ली: पांच राज्यों मे चुनाव खत्म होने के बाद सरकार ने नोकरी पेशा लोगों को बडा झटका दिया है। 2021-22 के लिए कर्मचारी के भविष्य निधि ईपीएफओ (EPFO) ने ब्याज दर घटा दी गयी है। पीटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि ईपीएफओ ब्याज दर 8.5% से घटाकर 8.1% कर दी गई। यह एक दशक में सबसे कम ब्याज दर है।
ईपीएफ की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक यह पिछले चार दशक का न्यूनतम इंट्रेस्ट रेट है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाला इंट्रेस्ट रेट (Provident Fund interest rates) 8.5 फीसदी था. ईपीएफओ बोर्ड के फैसले पर वित्त मंत्रालय की मुहर लगाई जाएगी जिसके बाद इसे अमल में लाया जाएगा. पिछले दो सालों से इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया था।
श्रम मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक-
श्रम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने वित्त वर्ष 2021-2 के लिए 8.1% की ब्याज दर की सिफारिश करने का फैसला किया है. ईपीएफओ बोर्ड की सिफारिश जल्द ही वित्त मंत्रालय को भेज दी जाएगी. EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक गुवाहाटी में हुई. एंप्लॉयी प्रोविडेंट ऑर्गेनाजेशन का ये फैसला यकीनन नौकरीपेशा लोगों के लिए किसी झटके से कम नहीं है. इस फैसले से EPFO के करीब 6 करोड़ लोगों को झटका लगा है।
1977-78 में EPFO ने 8% तय किया ब्याज दर-
एक तरफ देश में लोग महंगाई से जूझ रहे हैं, ऐसे मुश्किल हालातों में भी सरकार ने PF पर मिलने वाला ब्याज घटा दिया है. फिस्कल ईयर 1977-78 में EPFO ने 8% ब्याज दर तय किया था, उसके बाद अब जाकर इतना कम ब्याज मिल रहा है. अभी तक 8.25% या इससे ज्यादा ब्याज मिलता रहा है।