शनिवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ब्याज दर को 8.5 से घटाकर 8.1 फीसदी करने का फैसले पर कई नेताओ ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। वहीं विपक्षी दल सरकार के इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं। इसे लेकर विपक्ष के नेता मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
बता दे कि, यह बीते चार दशक में सबसे कम ब्याज दर है। 2020-21 में यह दर 8.5 फीसदी थी, रविवार को इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते हुए इस फैसले को जनविरोधी और मजदूर विरोधी बताया। आइए जानते हैं ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर और क्या कहा।
ममता बनर्जी ने ट्वीट कर केन्द्रो पर साधा निशाना-
ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘यूपी में जीत के बाद बीजेपी सरकार तुरंत अपना गिफ्ट कार्ढ लेकर आई है. केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को पिछले 4 दशक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है. यह प्रस्ताव बीजेपी के असली चेहरे को बेनकाब करता है. यह प्रस्ताव उस समय आया है, जब देश के मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के कामगार और कर्मचारी पहले से ही कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक परेशानी से गुजर रहे हैं’
जनविरोधी और मजदूर विरोधी है बीजेपी- ममता
ममता बनर्जी ने ट्वीट में बीजेपी को जनविरोधी और मजदूर विरोधी बताया और कहा कि, ‘यह कदम सरासर मजदूर और जन के विरोध में है. यह केंद्र सरकार की उस क्रूर और एकतरफा सार्वजनिक नीति को भी उजागर करता है, जो किसानो, श्रमिकों और मध्यमवर्गीय को नजरअंदाज कर उद्योगपतियों के हितों की रक्षा करता है. विपक्ष की सभी पार्टियों को संयुक्त रूप से एकजुट होकर इस काले कानून का विरोध करना होगा’.