आज गुरुवार को इस साल का पहला सूर्यग्रहण है. जिसे लोग नॉर्थ अमेरिका, यूरोप और एशिया में आसानी से देख सकते हैं. भारत की बात करें तों यह ग्रहण सूर्यास्त के पहले दिखेगा.
दरअसल सूर्यग्रहण का सूतक लद्दाख और अरुणाचल को छोड़ देश के बाकी हिस्सों में मान्य नहीं होगा, क्योंकि बाकी जगहों पर ग्रहण दिखेगा ही नहीं. इसके अलावा इस दिन 148 साल बाद शनि जयंती का भी संयोग बन रहा है. वहीं इससे पहले शनि जयंती पर सूर्यग्रहण 26 मई 1873 को हुआ था.
भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 41 मिनट तक सूर्यग्रहण लोग आसानी से देख सकते हैं. वहीं भारत में सूर्यग्रहण की कुल अवधि करीब 5 घंटे की होगी.
सूर्यग्रहण किसे कहते है
बता दें कि, जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चांद आ जाता है तब इसे हम सूर्यग्रहण कहते हैं. इस दौरान सूर्य से आने वाली रोशनी चांद के बीच में आ जाने की वजह से धरती तक नहीं पहुंच पाती है और चांद की छाया पृथ्वी पर पड़ती है. दरअसल सूर्य के आसपास पृथ्वी घूमती रहती है और पृथ्वी के आसपास चंद्रमा. इसी वजह से तीनों कभी न कभी एक दूसरे के सीध में आ जाते हैं. इन्ही वजहों से सूर्य और चंद्र ग्रहण होता है.
सूतक किसे कहते है
सूर्यग्रहण का सूतक ग्रहण के 12 घंटे पहले शरू हो जाता है. शास्त्रों के मुताबिक जहां ग्रहण दिखता है, वहीं सूतक माना जाता है. उनके मुताबिक इसके दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है.