नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की एक गैस्ट टीचर्स ने एक अनुठी पहल के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से गुहार लगाई है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहीं एक गैस्ट टीचर ने दिल्ली में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखकर महीने में कम से कम एक पीरियड लीव दिए जाने की मांग की है। टीचर ने मासिक चक्र या माहवारी के पहले दिन सभी महिला शिक्षिकाओं को लीव दिए जाने की मांग की है।
शिक्षिका ने मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (AAP) को ईमेल कर भेजे गए पत्र में लिखा है कि अभी तक दिल्ली में गैस्ट टीचर्स को कैजुअल या मेडिकल किसी भी प्रकार की लीव नहीं दी जाती हैं. सरकारी छुट्टियों को छोड़ दिया जाए तो शिक्षिकाओं को महीने में सभी दिन पढ़ाना होता है, जबकि सरकारी शिक्षकों को सभी तरह की छुट्टियां मिलती हैं. गैस्ट टीचर्स अगर किसी इमरजेंसी में भी एक दिन की छुट्टी लेती हैं तो उसके लिए उन्हें पैसा कटवाना पड़ता है।
शिक्षिका आगे लिखती हैं कि कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ महिला टीचर्स को घर-परिवार और बच्चों की जरूरतों को देखते हुए ज्यादा भी लीव लेनी पड़ती हैं और उतने दिन की सैलरी कट जाती है और घर का हिसाब बिगड़ जाता है. ऐसी स्थिति में महिलाएं मासिक धर्म होने पर एक दिन की भी लीव नहीं ले पाती.
पीरियड के पहले दिन अधिकांश महिलाओं को बहुत तेज दर्द होता है- गैस्ट टीचर्स
जबकि पीरियड के पहले दिन अधिकांश महिलाओं को बहुत तेज दर्द या तेज फ्लो के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर महीने में कम से कम पीरियड के पहले दिन महिलाओं के लिए एक दिन की छुट्टी पेड लीव के तौर पर मंजूर कर दी जाए तो इससे महिला गैस्ट टीचर्स को बहुत राहत मिलेगी।
यह परेशानी सभी महिला गैस्ट टीचर्स की है-
सिसोदिया को लिखे इस पत्र को लेकर गैस्ट टीचर ने बताया कि, यह परेशानी सभी महिला गैस्ट टीचर्स की है. इसे लेकर कई बार स्कूलों में मांग की गई है लेकिन अब शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से ये मांग की गई है. कई ऐसी कंपनियां हैं जो अपने यहां महिला स्टाफ को ऐसी सुविधाएं देती हैं. चूंकि गैस्ट टीचर्स काफी मेहनत करती हैं और उन्हें कोई अन्य लीव की सुविधा नहीं मिलती तो कम से कम एक दिन की छुट्टी तो मंजूर की जानी चाहिए।