KNEWS DESK- आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित विष्णु निवासम आवासीय परिसर में बुधवार रात हुई भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की दुखद मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु वैकुंठ द्वार पर दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए जुटे थे, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।
कैसे मची भगदड़
वैकुंठ एकादशी के पवित्र अवसर पर तिरुपति में हजारों श्रद्धालु भगवान विष्णु के दर्शन के लिए पहुंचे थे। श्रद्धालुओं को टोकन देने का कार्यक्रम सुबह 5 बजे से शुरू हुआ था, जिसमें 9 काउंटरों पर टोकन वितरित किए जाने थे। हालांकि, श्रद्धालु इस धार्मिक अवसर का लाभ उठाने के लिए पहले से ही इकट्ठा हो गए थे, जिससे एक स्कूल में स्थित एक टिकट वितरण केंद्र पर भीड़ बढ़ने लगी। यह भीड़ इतनी बड़ी हो गई कि वहां भगदड़ मच गई और हादसा हो गया।
घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया
हादसे के बाद 40 घायलों को तिरुपति के रुइया और सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से रुइया अस्पताल में 28 श्रद्धालुओं को और सिम्स अस्पताल में 12 श्रद्धालुओं को उपचार दिया गया। दुर्भाग्यवश, रुइया अस्पताल में 4 और सिम्स अस्पताल में 2 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई। मरने वालों में 5 महिलाएं और 1 पुरुष शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक, विपक्ष ने लापरवाही का आरोप लगाया
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने तिरुपति प्रशासन और टीटीडी के अधिकारियों से घटनास्थल पर राहत कार्यों की जानकारी ली और शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को तिरुपति में स्थिति का जायजा लेने का ऐलान किया। वहीं, विपक्षी दल YSRCP ने इस घटना को प्रशासन की लापरवाही का नतीजा बताया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
प्रधानमंत्री ने भी जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तिरुपति में हुई इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
वैकुंठ एकादशी का महत्व
वैकुंठ एकादशी, जो 10 जनवरी को मनाई जाएगी, हिंदू पंचांग के धनु मास में पड़ती है और इसे विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व दिया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के दर्शन और व्रत के द्वारा श्रद्धालु मोक्ष प्राप्ति का प्रयास करते हैं। इसे तमिल परंपराओं में धनुरमास और मार्गज़ी मास के रूप में भी जाना जाता है।
टीटीडी द्वारा विशेष व्यवस्था
तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (टीटीडी) ने वैकुंठ एकादशी के अवसर पर 10 जनवरी से 19 जनवरी तक लाखों श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की है। इन दिनों में श्रद्धालु भगवान विष्णु के दर्शन करने के लिए तिरुमाला पहुंचेंगे और इसके लिए विशेष टोकन वितरण, सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
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