पुरुष नहीं देते दिखाई,जब महिलाएं खेलती है होली,क्या वजह हैं इस गांव की

हमीरपुर:यूपी के हमीरपुर जिले में महिलाओं की होली खेलने की एक 300 साल पुरानी प्रथा चली आ रही है, इस प्रथा की खास बात यह है कि इसमें केवल महिलाएं ही आपस में होली खेलती हैं, और उश समय पुरुषों का आना मना होता है,इस प्रथा में केवल गांव की सभी महिलाएं ही रहती हैं, फिर शुरू होती है ऐसी होली जो शायद ही कहीं  और खेली जाती होगी,

महिलाओं की खास यह होली हमीरपुर के जिले के सुमेरपुर के थाने के कुंडौरा गांव में खेली जाती है,जहां घूंघट में महिलाएं सिर्फ एक ही दिन होली खेलती हैं, ये प्रथा कई सालों से चली आ रही है, इस दौरान गांव के सभी पुरुषों को गांव छोड़कर खेत-खलिहाल में जाकर रहना पड़ता है,

आपको बता दें कि सबसे पहले सभी महिलाएं रामजानकी मंदिर में जमा होती हैं,यहां पूजा-अर्चना करने के बाद बुजुर्ग महिलाएं फाग गाती है, फिर महिलाएं टोलियां बनाकर गांव की हर गली और धार्मिक स्थानों से होते हुए होली खेलती हैं,और त्यौहार के लिए यह परंपरा को बरकार रखी है,

गांव की बुजुर्ग महिला ने बताया, “जब से उनकी शादी हुई है तभी से वह होली की इस परंपरा में हिस्सा ले रही हैं,हर साल बड़े ही अनोखे तरीके से यहां होली खेली जाती है, गांव की मुखिया सरिता देवी ने बताया कि देश के किसी भी कोने में ऐसी होली कहीं नहीं होती है, जिसमें पूरे गांव की महिलाएं सामूहिक तौर से होली खेलती हो”

पुरुष व लड़के कोई भी नही देता दिखाई,वहीं यह भी बताया  कि केवल उन पुरुषों को रहने की मंजूरी होती है जिनको कोई बीमारी होती है,या चलने में समर्थ नहीं होते है,पुरुष गांव में कदम तभी रखते है,जब महिलाओं की होली संमापन की ओर रहती है या समाप्त हो जाती है,

फोटो लेने पर दी जाती है कड़ी सजा,

वहीं गांव की बुजुर्ग महिला ने कहा कि अगर कोई भी इस होली या कार्यक्रम की फोटों लेता है तो उसको या तो जुर्माना देना होता है या तो सजा भुगतनी पड़ती है.

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