नागपुर: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयं सेवक संघ की 95 वां स्थापना दिवस , विजयदशमी के मौके पर कार्यकर्ताओं को किया सम्बोधित

KNEWSDESK-  संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजय दशमी के मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया । इस दौरान जी 20 पर भारत की कामयाबी को सराहा, वहीं मणिपुर की हिंसा पर बात करते हुए कई सवाल उठाए।  इसके बाद संघ के कार्यकर्ताओं को सलाम किया और  भगवान राम के चरित्र को अपनाने की बात की ।  संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर पर बात करते हुए कहा कि  मैतई और कुकी समाज को किसने एक दूसरे के सामने खड़ा किया । सीमावर्ती क्षेत्र है, वहां झगड़े हो , इसका कोई फायदा है। आपको बता दें कि स्वयं सेवक संघ का 95 वां स्थापना दिवस है।

प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि प्रतिवर्ष भारतवासियों का गौरव बढ़ रहा है । जी 20 समिट में पूरी दुनिया ने अनुभव किया । उन्होंने भारत की उड़ान को देखा । हमारे मन की सद्भावना को देखा । हमारी राजनीतिक कुशलता देखी । पहली बार वसुधैव कुटुंवकम की बात की गई । करुणा के वैश्विकरण की बात की गई । हमारे खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में 107 पदक जीते । हमारा देश सब क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और आगे  भगवान राम के बारे में बात करते हुए कहा कि श्री राम धर्म की मर्यादा हैं । हमें उनके चरित्र का अनुसरण करना चाहिए ताकि देश को कट्टरता से बचाया जा सके।

शांति की प्रक्रिया चलाने की कोशिश

संघ प्रमुख ने  मणिपुर पर बात करते हुए कहा कि मणिपुर शांत था , अचानक आपसी फूट की आग कैसे लग गई ? मणिपुर हिंसा के पीछे सीमा पार के आतंकवादी थे ? मैतेई और कुकी समाज को किसने एक दूसरे के सामने खड़ा किया। सीमावर्ती क्षेत्र है, वहां झगड़े हो , इसका किसको फायदा है, मणिपुर में झगड़ा निर्माण करने वाले बाहरी ताकत है क्या ? मणिपुर हिंसा के बाद गृह मंत्री और अन्य मंत्री वहां जाकर बैठे , शांति की प्रक्रिया चलाने की कोशिश की । ये हिंसा भड़काने वाले कौन थे ? देखने पर पता चलता है, यह हुआ नही , करवाया गया है। स्वयं को उकसाने वाली परिस्थिति पर काम करने वाले संघ के कार्यकर्ताओं को मैं सलाम करता हूं और आगे कहा कि हमें एकता की ओर बढ़ना पड़ेगा । मणिपुर में संघ के स्वंयसेवक काम कर रहे हैं, हमें उन पर गर्व है । वहां विश्वास टूट गया है, पुनः विश्वास निर्माण करने के लिए लंबे समय तक काम करना पड़ेगा । हमारी संस्कृति हमें जोड़ती है। जनपद से देश , देश से राष्ट्र और राष्ट्र से विश्व । ये हमें वसुधैव कुटुम्बकम सिखाती हैं।

प्रथम पृष्ठ पर राम फोटो

मोहन भागवत ने भगवान राम के बारे में कहा कि  हमारे संविधान के प्रथम पृष्ठ पर जिनका राम फोटो है, उनका भव्य मंदिर अयोध्या में बन रहा है, 22 जनवरी को उसका लोकार्पण होगा । हम सभी तो नहीं जा पाएंगे , लेकिन हमारे आसपास के मंदिरों में हम जा सकते हैं, देश में धार्मिकता का वातावरण बने ऐसा प्रयत्न हम कर सकते हैं। भारत का अमृतकाल हमें देखने को मिल रहा है। विश्व 2000 साल से सुख की खोज में अनेक प्रयोग कर के थम गया। ऐसी कई चीजें हैं। जिनका उसे हल नहीं मिला । सृष्टि विविध बनी है, वो विविध ही रहेगी।  श्री राम धर्म की मर्यादा हैं । हमें उनके चरित्र का अनुसरण करना चाहिए ताकि देश को कट्टरता से बचाया जा सके।

 

About Post Author