KNEWS DESK- आज शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है| आज मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा, अर्चना की जाती है| माना जाता है कि रोग, दोष, शोक से मुक्ति पाने के लिए माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है| चलिए आपको बताते हैं, मां कूष्मांडा का महत्व, शुभ मुहूर्त और मन्त्र जाप के बारे में…
माता कूष्मांडा को सौरमंडल की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है| माता ने अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड का सृजन कर दिया था| मंद हंसी के द्वारा ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण ही ये कूष्मांडा नाम से जानी जाती हैं| देवी कुष्मांडा की आठ भुजाएं हैं इसलिए यह अष्टभुजा भी कहलाईं| इनके आठ हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा और माला है| इनका वाहन सिंह है| इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है|
जानें आज का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के चौथे दिन सुबह 06.23 से सुबह 09.15 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है| इसके बाद शाम को पूजा के लिए रात 07.23 से रात 08.59 तक शुभ मुहूर्त है|
इन मन्त्रों का करें जाप
कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:
ॐ कूष्माण्डायै नम:
वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु में।