KNEWSDESK- पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया के जरिए जातिगत जनगणना के आंकड़े का समर्थन किया। उन्होंने जो पार्टियां जनगणना के आंकड़े को जारी करने के पक्ष में नहीं थी, उन पर निशाना साधा । उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए जातिगत जनगणना पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि कुछ पार्टियां इससे असहज जरूर हैं, किन्तु बसपा के लिए ओबीसी के संवैधानिक हक के लम्बे संघर्ष की यह पहली सीढ़ी है। आपको बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी हुए हैं। जो पार्टियां जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं, वे अपने राज्य में भी जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं । मायावती ने भी सोशल मीडिया के जरिए यूपी में जातिगत जनगणना कराने को लेकर मांग रख दी।
आपको बता दें कि पू्र्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक्स पर लिखा कि बिहार सरकार द्वारा कराए गए जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक होने की खबरें सुर्खियों में है तथा उस पर गहन चर्चाएं जारी हैं। कुछ पार्टियां इससे असहज जरूर हैं, किन्तु बसपा के लिए ओबीसी के संवैधानिक हक के लम्बे संघर्ष की यह पहली सीढ़ी है।
देश की राजनीति उपेक्षित बहुजन समाज के पक्ष में
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया के जरिए यूपी सरकार पर निशाना साधा लिखा कि बसपा को प्रसन्नता है कि देश की राजनीति उपेक्षित बहुजन समाज के पक्ष में इस कारण नई करवट ले रही है, जिसका नतीजा है कि एससी – एसटी आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने तथा घोर ओबीसी व मण्डल विरोधी जातिवादी एवं सांप्रदायिक दल भी अपने भविष्य के प्रति चिंतित नजर आने लगे हैं तो यूपी सरकार को अब अपनी नीयत व नीति में जन भावना व जन अपेक्षा के अनुसार सुधार करके जातीय जनगणना एवं सर्वे अविलम्ब शुरू करा देना चाहिए।