KNEWS DESK… बिहार के पूर्व CM और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पार्टी से राज्यसभा सांसद मनोज झा के समर्थन में खुलकर आ गए हैं. ‘ठाकुर का कुआं’ कविता का वाचन करके चर्चा में आए मनोज झा के समर्थन में आए लालू प्रसाद यादव ने अपनी ही पार्टी के विधायक चेतन आनंद और उनके पिता आनंद मोहन पर हमला बोला है.
दरअसल, ओमप्रकाश वाल्मीकि चर्चित दलित कहानीकार हैं. उन्होंने उपन्यास के अलावा कई उम्दा कविताएं भी लिखी हैं. उन्होंने अपने साहित्य में जातिवाद से पनपे दर्द को भी बयां किया है. ‘ठाकुर का कुआं’ उनकी चर्चित कविता है, जिसका वाचन साहित्य समारोहों में भी होता रहा है. तमतमाए लालू यादव ने यहां तक कह दिया कि आनंद मोहन को जितनी बुद्धि होगी उतना ही बोलेगा ना. उन्होंने उनके बेटे चेतन आनंद को लेकर कहा कि ‘उसको (चेतन आनंद) भी अक्ल नहीं है. इसके साथ ही उनके पिता आनंद मोहन को लेकर कहा कि वह पहले अपनी अक्ल और शक्ल देखें.’
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जानिए क्या है पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि संसद के विशेष सत्र के दौरान नारी शक्ति वंदन बिल पर चर्चा के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भाषण दिया था. इस दौरान उन्होंने ओम प्रकाश बाल्मीकि की चर्चित कविता ‘ठाकुर का कुआं’ का पाठ किया. जो कुछ यूं थी. चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ठाकुर का।
भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का।
बैल ठाकुर का
हल ठाकुर का
हल की मूठ पर हथेली अपनी
फ़सल ठाकुर की।
कुआं ठाकुर का
पानी ठाकुर का
खेत-खलिहान ठाकुर के
गली-मुहल्ले ठाकुर के
फिर अपना क्या?
गांव?
शहर?
देश?
बिहार में ‘ठाकुर का कुआं’ पर सियासत जारी
गौरबतल हो कि इस कविता पर राजद विधायक चेतन आनंद और उनके पिता आनंद मोहन ने कड़ी आपत्ति जताई और मनोज झा को कहा था कि वे पहले अपने ब्राह्मण को मारें. इस पर अब बवाल छिड़ गया है. लालू यादव ने इस पर कहा कि मनोझ का शानदार भाषण रहा और उन्होंने ठीक ही कहा है.
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