KNEWS DESK… देश की राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितम्बर को G-20 शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ था. जोकि सफलतापूर्वक सम्पन्न भी हो गया है. जिसके बाद दुनिया के कई देश इस कार्यक्रम की जमकर तारीफ भी करते हुए नजर आ रहे हैं. इस दौरान एक अजीबो गरीब घटना सामने आई. जिसने हंगामा मचा रखा है. G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान होटल ताज प्लेज में चाइनीज डेलीगेशन के रहस्यमय बैग से हड़कंप मच गया था. उस दौरान लगभग 12 घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला.
दरअसल, चीन से आए प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य को होटल ताज पैलेस में काफी असामान्य आकार का बैग ले जाते देखा गया. सुरक्षा एजेंसियों की उस पर नजर थी. हालाँकि टीम के पास ‘राजनयिक सामान’ के संबंध में स्पष्ट निर्देश थे, लेकिन उन बैगों का आकार बिल्कुल अलग दिख रहा था. फिर भी राजनयिक प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने बैग अंदर ले जाने की इजाजत दे दी. रूम विजिट के दौरान कमरे में गए एक स्टाफ मेंबर ने बताया कि बैग में कुछ संदिग्ध है. जल्द ही संदेश वरिष्ठ तक पहुंच गया. जिसके बाद तुरंत सक्रियता बढ़ी और टीम को बैग को स्कैनर से गुजारने को कहा गया. इसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया. चीनी अपने बैगों की, ख़ासकर अंदर क्या था, जाँच के लिए तैयार नहीं थे। इसके चलते 12 घंटे तक तनाव बना रहा. आख़िरकार मामला तब सुलझ गया जब मेहमान संदिग्ध बैग को चीनी दूतावास भेजने पर सहमत हो गए. यह भी ध्यान दें कि चीन के प्रतिनिधिमंडल ने अपने लिए एक अलग और निजी इंटरनेट कनेक्शन की मांग की थी लेकिन होटल ने इनकार कर दिया.
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उसी होटल में रूके हुए थे ब्राजील के राष्ट्रपति
जानकारी के लिए बता दें कि चीनी सूटकेस अंत तक रहस्य बना रहा। होटल के सूत्रों ने कहा कि चीनी सुरक्षा अधिकारियों द्वारा होटल से संदिग्ध वस्तु को हटाने और अपने दूतावास को भेजने पर सहमति के बाद नाटक सुलझ गया। गौरतलब है कि G-20 शिखर सम्मेलन के अगले मेजबान ब्राजील के राष्ट्रपति भी इसी होटल में रुके थे. ताज पैलेस में सुरक्षा में शामिल सूत्रों ने पुष्टि की है कि चीनी सुरक्षा कर्मियों ने उपकरणों के निरीक्षण के अनुरोध का विरोध किया लेकिन भारतीय सुरक्षा दल अपने रुख पर कायम रहा. एक सूत्र ने कहा, ‘तीन सदस्यीय सुरक्षा दल को लगभग 12 घंटे तक कमरे के बाहर पहरा देना पड़ा, जिसके बाद एक चीनी सुरक्षा अधिकारी को कहना पड़ा कि वे इसे अपने दूतावास भेज देंगे।’ उपकरण के बारे में शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि यह एक निगरानी सेटअप था क्योंकि उन्हें उपकरण की जांच करने का मौका नहीं मिला.
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बैग रहस्य ही रह गया
बता दें कि एक खुफिया अधिकारी ने अपने वरिष्ठों को भेजी रिपोर्ट में कहा कि ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल आमतौर पर सुरक्षित संचार चैनलों को ब्लॉक और जाम करने के लिए किया जाता है. हालाँकि, सूटकेस के अंदर क्या था यह एक रहस्य बना हुआ है. दिल्ली में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नहीं आये. उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग आए. खास बात यह है कि चीनी प्रतिनिधिमंडल विशेष विमान से नहीं बल्कि चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली पहुंचा था. इससे भारतीय एजेंसियां हैरान रह गईं.
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