रिपोर्ट- मो0 रज़ी सिद्दीकी
उत्तर प्रदेश, बाराबंकी। तीन तलाक ने मुस्लिम महिलाओं का घर तबाह कर दिया। पीड़िताएं मायके पहुंचीं, तो वहां भी ताने ही मिले। जिसके चलते इन पीड़ित महिलाओं को अपने से ज्यादा बच्चों की चिंता सताने लगी। ऐसे में केंद्र सरकार की योजनाएं उनके लिए सहारा बनीं। इन महिलाओं को न सिर्फ रहने की छत मिली, बल्कि खाने के लिए राशन की व्यवस्था भी हो गई। बाराबंकी जिले में तीन तलाक से पीड़ित ऐसी पांच महिलाओं को आवासित किया जा चुका है। इन सभी महिलाओं ने पीएम मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।
दरअसल आपको बता दें कि तीन तलाक पर मोदी सरकार ने कानून बनाया तो पूरे देश में घमासान मच गया। कानून के खिलाफ विरोध की आवाज भी बुलंद हुई, लेकिन विरोध करने वाले यह नहीं जानते थे कि जिन महिलाओं को तीन तलाक मिला है। उनके भविष्य का क्या होगा। इसी क्रम में जिले में करीब 2 दर्जन से ज्यादा मामले तीन तलाक के थे। पतियों ने तीन तलाक देकर पत्नियों का घर उजाड़ दिया। पति का घर छूटा तो वह मायके पहुंचीं, लेकिन यहां पर भी ज्यादा दिन रह नहीं पाईं। आसपास के ताने और परिवार के दबाव ने तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं को झकझोर कर रख दिया।
जानकारी के लिए बता दें कि तीन तलाक से पीड़ित ऐसी महिलाएं किसी तरह से विकास भवन पहुंचीं और नगर विकास अभिकरण कार्यालय में परियोजना अधिकारी सौरभ त्रिपाठी से मिलीं। सौरभ त्रिपाठी ने तीन तलाक पीड़िता का दर्द सुना और उसका आवेदन तत्काल पीएम आवास योजना के लिए कराया। साथ ही इस तरह की महिलाओं को चिन्हित करने के लिए सर्वेयर को भी लगा दिया। सर्वे में रेशमा, खुर्शीद बानो, शाहजहां, कम्मो और नगर पंचायत दरियाबाद की शन्नो नाम की कुल पांच महिलाएं मिलीं, जिन्हें डूडा अधिकारी ने आवेदन करवा कर प्रधानमंत्री आवास दिलाया। इसके अलावा इन महिलाओं को पीएम स्वानिधि योजना का लाभ दिलाया गया। साथ ही राशन कार्ड बनवा दिया गया। जिससे अब इन्हें हर महीने राशन भी मिलता है।
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बता दें कि तीन तलाक से पीड़ित महिला खुर्शीद बानो ने बताया पति ने छोड़ा तो मायके वालों के लिए वह बोझ बन गई थीं। आसपास के लोग ताने भी देने लगे थे। लेकिन अब उन्हें आवास मिल गया है। जिसके चलते अब रहने की कोई दिक्कत नहीं होती। वहीं शाहजहां ने बताया कि तीन तलाक मिलने के बाद वह बिल्कुल अकेले पड़ गई थीं। किसी तरह से पुश्तैनी जमीन मिल गई, पर रहने के लिए घर नहीं था। लेकिन अब केंद्र सरकार की योजनाओं से मजबूती मिली है। आज उनके पास पक्का घर है और खाने के लिए राशन भी मिलता है। वही कम्मो ने बताया कि जब पति ने तीन तलाक दिया तो मानो उन पर कोई पहाड़ टूट पड़ा हो। भविष्य की चिंता थी लेकिन मोदी सरकार की योजनाओं ने हिम्मत दी। अब घर मिल गया है। साथ ही खाने का राशन भी मिलता है।
जानकारी के लिए बता दें कि वहीं डूडा अधिकारी सौरभ त्रिपाठी के मुताबिक तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एक सर्वेयर लगाया गया था। सर्वे में ऐसी 5 महिलाओं की जानकारी मिली थी। जिसके बाद अब तक इन सभी पांच महिलाओं को पीएम आवास और दूसरी योजनाओं से जोड़ा जा चुका है। सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि नई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ऐसी और भी महिलाओं को आवास दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगे भी इस तरह का सर्वे का काम जारी रहेगा। जिससे कोई भी जरूरतमंद सरकारी योजनाओं के लाभी से वंचित न रहे।
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