जिगरी दोस्त ने किया खुलासा बताया …जिंदगी के आखिरी दिनों में राजेश खन्ना ‘आनंद’ की तरह जीने लगे थे

KNEWS DESK  हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार राजेश खन्ना  के लिए एक कहावत बेहद मशहूर थी- ऊपर आका और नीचे काका। राजेश खन्ना ने बॉलीवुड में कई दशक तक काम किया इनका अपना एक अलग ही स्टाइल था।इन्होने अधिकतर हिट फिल्मे ही इंडस्ट्री को दी, 1971  में आई एकं फिल्म ‘आनंद  जिसको राजेश खन्ना ने अपने जीवन में उतारना चाहा। राजेश खन्ना ने अपनी जिंदगी के आखिरी दिन अपनी इसी फिल्म के किरदार आनंद सहगल की तरह गुजारे थे। ऐसा किस्सा  उनके सबसे करीबी दोस्त ने हाल ही में किया है।

राजेश खन्ना के सबसे करीबी दोस्त रहे भूपेश रसीन ने राजेश खन्ना  के आखिरी दिनों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने अभिनेता  के निधन वाले दिन पर भी बात की, जब वह कैंसर से अपनी लड़ाई हार गए थे। बता दें कि फिल्म ‘आनंद’ में राजेश खन्ना ने आनंद सहगल का रोल किया था, जो काफी खुशमिजाज शख्स था और आखिर में कैंसर से जंग हार गया था। जिंदगी के आखिरी दिनों में राजेश खन्ना भी कुछ इसी तरह जीने लगे थे।

 

राजेश खन्ना  के दोस्त भूपेश रसीन ने उस समय को याद किया, जब दिवंगत एक्टर को कैंसर का पता चला था। उन्होंने बताया, ‘कुछ दिनों तक वह भावुक हो जाते थे और कहते थे, ‘बहुत जल्दी हो रहा है सबकुछ’, लेकिन फिर उन्होंने इस पर काबू पा लिया था। मानें या न मानें, इसके बाद उन्होंने अपनी यादगार फिल्म ‘आनंद’ में अपने किरदार ‘आनंद सहगल’ की तरह जिंदगी जीना शुरू कर दिया था। वह मजाक में अपने डॉक्टर, डॉ. जगन्नाथ से पूछते थे कि उनका वीजा कब समाप्त होने वाला है’ भूपेश रसीन ने  अभिनेता  के निधन वाला दिन भी याद किया और इसे अपनी जिंदगी का सबसे दर्दनाक दिन बताया। उन्होंने कहा, ‘हां वह मेरे जीवन का सबसे दुखद दिन था। मुझे याद है कि अक्षय कुमार और मैं उनके पैरों के पास थे, जब उनकी नब्ज धीमी हो रही थी। उनकी दूसरी तरफ ट्विंकल और रिंकी थीं। डिंपल अपनी बेटियों के पास थीं। घर में कमरे के दरवाजे के पास अंजू महेंद्रू भी थीं’।

अंजू महेंद्रू और राजेश खन्ना का रिश्ता बी-टाउन के गलियारों में काफी चर्चित था। ये  दोनों बचपन के दोस्त थे और लिव इन में रहते थे। हालांकि, बाद में दोनों के बीच कई चीजों को लेकर बहस और लड़ाई हेने लगी थी, जिसके बाद उनका ब्रेकअप हो गया था।

भूपेश रसीन ने आगे कहा, ‘हम आपस में भाई-भाई थे और हमारा रिश्ता खून के रिश्ते से कहीं बढ़कर था। हमने 22 साल से अधिक समय एक साथ बिताया। हम चर्चा करते थे, बहस करते थे या लड़ते भी थे। मैं उन्हें हर दिन, हर पल याद करता हूं’। बता दें कि राजेश खन्ना का निधन 18 जुलाई 2012 में हुआ था।

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