उत्तराखंड- आज के दौर में जहां लोग अपने आप को सम्पन्न करने में अपना धन खर्च करते हैं। अपने जमा किए धन को किसी सेविंग्स में लगाते हैं। अधिक से अधिक ब्याज उनको अपने पैसों पर मिले ये सोच कर पैसा लगाते हैं। क्या हम किसी ऐसे शक्स की कल्पना कर सकते जो अपने पैसो को अपने लिए नहीं बल्कि उन जरूरतमंद लोगों पर खर्च करता हो, जिन्हें वह जानता तक नहीं। ऐसे ही एक शक्स हैं उत्तराखण्ड के नैनिताल निवासी और ग्राम प्रधान जो अपने मासिक मानदेय को टीबी के मरीजों पर खर्च करते हैं। वह अपने मानदेय से टीबी के मरीजों को दाल, चावल, देते हैं। जिससे उनकी आर्थिकी पर पड़ने वाला बोझ कम हो सके।
टीबी मुक्त भारत अभियान को करना चाहते हैं साकार
टीबी के मरीजों के लिए फरिस्ता बने ग्राम प्रधान डिकर सिंह, प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त अभियान को साकार करना चाहते हैं। इसी के तहत उन्होने बीते वर्ष टीबी के छ मरीजों को गोद लिया। जिसके बाद से वह प्रत्येक माह को खुद के मानदेय 3500 रूपये से प्रतिमाह एक मरीज को 10 किलो चावल और 10 किलो आटा साथ ही दालें और सरसों का तेल देते हैं। उनके इस कार्य के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में उनकी सराहना भी करी। अपने इस प्रयास से वह न सिर्फ टीबी मुक्त भारत अभियान में अहम भूमिका निभा रहे हैं। बल्कि समाज में प्रेरणा का स्रोत भी बन रहे हैं।