KNEWS DESK...पीएम मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में अपने बयान में कहा कि यूक्रेन की मौजूदा स्थिति कोई राजनीति या आर्थिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक मानवीय मूल्यों का मुद्दा है। पीएम ने कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। पीएम मोदी ने अपने बयान में बिना नाम लिए चीन पर भी निशाना साधा और कहा कि यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की किसी भी कोशिश का विरोध होना चाहिए।
दरअसल आपको बता दें कि पीएम मोदी जापान में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन समारोह में शामिल हुए हैं जहां पर आज उनका तीसरा दिन है। पीएम मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन के दरौन एक बयान में कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। साथ ही साथ पीएम मोदी ने चीन पर निशाना साधने पर चूके नहीं, पीएम मोदी ने चीन पर तंज कसा। वहीं उन्होंने रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की भी चर्चा करते हुए कहा कि यूक्रेन की हरसम्भव मदद करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक स्थिति का विकासशील देशों पर बुरा असर पड़ रहा है। मौजूदा संकट के चलते खाने, तेल और फर्टिलाइजर का संकट बढ़ा है, खासकर विकासशील देश इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
पीएम मोदी ने आज हिरोशिमा में ब्रिटेन पीएम ऋषि सुनक से आपस में की खास बातचीत की है। जिसकी कुछ फोटो प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीटर हैंडल से शेयर की है। जिसमें दोनो देश के पीएम बहुत ही गर्मजोशी के साथ मिलते हुए नजर आ रहे हैं।
यूक्रेन को लेकर पीएम ने कही बड़ी बात
जी-7 शिखर सम्मेलन के एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी यूक्रेन को कही बड़ी बात,उन्होंने कहा कि यूक्रेन की मदद के लिए भारत जो संभव होगा, वो सब करेगा। जी-7 के सम्मेलन में यूक्रेन युद्ध पर काफी फोकस रहा। पीएम मोदी ने कहा कि हम शुरुआत से ही कहते रहे हैं कि बातचीत और कूटनीति के जरिए आज किसी भी समस्या को सुलझाया जा सकता है। यूक्रेन संकट में भी भारत मदद करने की कोशिश करेगा।
पीएम ने चीन पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बिना किसी का नाम लिए कहा कि सभी देश यथास्थिति बदलने के खिलाफ एकसुर में आवाज उठाएं। भारत का सीमा पर चीन के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा है और दोनों देश सीमा विवाद में उलझे हुए हैं। ऐसे में पीएम मोदी के उक्त बयान को चीन पर परोक्ष रूप से निशाना माना जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी विवाद का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकाला जा सकता है।