डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की तैयारियों में चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण चरण पूरा कर लिया है। आयोग ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और मतदाता-सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) का पहला रैंडमाइजेशन कार्य पूरा कर लिया। यह प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में संपन्न हुई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह रैंडमाइजेशन कार्य ईवीएम प्रबंधन प्रणाली (EMS) सॉफ्टवेयर की मदद से किया गया। इसमें जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEO) ने सभी 20 जिलों में भाग लिया, जिनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर शामिल हैं। इन जिलों की कुल 122 विधानसभा सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होना है।
54,311 कंट्रोल यूनिट (CU) और 58,123 वीवीपैट मशीनें की गई आवंटित
चुनाव आयोग ने बताया कि इस चरण में 54,311 कंट्रोल यूनिट (CU) और 58,123 वीवीपैट मशीनें 121 निर्वाचन क्षेत्रों में आवंटित की गई हैं। इनका उपयोग 45,336 मतदान केंद्रों पर किया जाएगा। आयोग ने कहा कि सभी मशीनों की निर्वाचन क्षेत्रवार सूची राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उनके जिला मुख्यालयों पर उपलब्ध कराई गई है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी EVM और VVPAT मशीनों को पार्टी प्रतिनिधियों की देखरेख में सुरक्षित स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा। मशीनों की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी निगरानी और तैनात सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था की गई है।
EVM और VVPAT विवरण उम्मीदवारों के साथ साझा किये जाएंगे
सीईओ कार्यालय के अनुसार, उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिए जाने के बाद, EVM और VVPAT का पूरा विवरण सभी उम्मीदवारों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि किसी भी स्तर पर शंका या भ्रम की स्थिति न बने। चुनाव आयोग ने कहा कि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि पहले चरण का रैंडमाइजेशन 11 अक्टूबर को पूरा किया गया था। आयोग का कहना है कि बिहार में इस बार मतदान प्रक्रिया को अत्याधुनिक तकनीक, सख्त सुरक्षा और पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न कराया जाएगा, ताकि हर मतदाता को निष्पक्ष चुनाव का भरोसा मिल सके।