बिहार विधानसभा चुनाव 2025: अमित शाह के दो दिवसीय दौरे से चुनावी रणनीति को मिलेगी रफ्तार, शाहाबाद-मगध पर रहेगा खास फोकस

KNEWS DESK- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह आज से दो दिवसीय बिहार दौरे पर हैं। इस यात्रा को भाजपा की चुनावी रणनीति को धार देने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है, खासकर उन इलाकों में जहां पार्टी का प्रदर्शन पिछले चुनावों में कमजोर रहा था।

अमित शाह आज सुबह रोहतास जिले के डेहरी-ऑन-सोन स्थित स्व. ललन सिंह स्टेडियम में मगध और शाहाबाद क्षेत्र के 10 जिलों के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। इसके बाद दोपहर में वह बेगूसराय के रिफाइनरी टाउनशिप खेल मैदान में पटना और मुंगेर संभाग के 10 जिलों के नेताओं से संवाद करेंगे।

जिन जिलों के नेताओं से होगी मुलाकात-

डेहरी-ऑन-सोन बैठक (सुबह 10 बजे)
रोहतास, कैमूर, गया पश्चिम, नवादा, आरा, बक्सर, जहानाबाद, अरवल, गया पूर्व, और औरंगाबाद।

बेगूसराय बैठक (दोपहर 2 बजे)
पटना ग्रामीण, पटना महानगर, बाढ़, नालंदा, शेखपुरा, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, खगड़िया और बेगूसराय।

भाजपा ने बिहार को पांच संगठनात्मक क्षेत्रों में बांटा है और अमित शाह इस दौरे में इनमें से दो क्षेत्रों पर फोकस कर रहे हैं। लगभग 2,000 से 2,500 पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद कर रहे हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक, इन बैठकों का उद्देश्य बूथ स्तर तक संगठन को सक्रिय करना, कार्यकर्ताओं में जोश भरना और ग्रासरूट पर रणनीति लागू करना है।

बैठकों में सीट बंटवारे, उम्मीदवार चयन और गठबंधन सहयोगियों के साथ प्रचार रणनीतियों पर भी मंथन होने की संभावना है। भाजपा ने राज्य में 225 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए 243 विधानसभा क्षेत्रों में संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलनों की योजना बनाई जा रही है।

वरिष्ठ पत्रकारों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शाह का यह दौरा विशेष रूप से शाहाबाद और मगध क्षेत्रों को मजबूत करने की दिशा में है, जहां पिछली बार पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था।

2020 विधानसभा चुनाव में शाहाबाद की 22 में से एनडीए केवल 2 सीटें जीत पाई थी, जबकि महागठबंधन ने 19 और बसपा ने 1 सीट पर कब्जा किया था। 2024 के लोकसभा चुनावों में भी यहां पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा।

अमित शाह का यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 सितंबर के पूर्णिया दौरे के तुरंत बाद हो रहा है। ऐसे में इसे भाजपा के चुनावी अभियान की एक सुनियोजित श्रृंखला का हिस्सा माना जा रहा है।

भाजपा ने राज्य में “सेवा पखवाड़ा” (18 से 25 सितंबर) के तहत घर-घर संपर्क अभियान की शुरुआत भी कर दी है। इस दौरान कार्यकर्ता सरकारी योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाएंगे, जिससे आम लोगों से पार्टी का जुड़ाव बढ़े।