KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सेंट्रल विस्टा के कर्तव्य पथ पर बने नवनिर्मित कर्तव्य भवन का लोकार्पण किया। यह भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली 10 कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग सीरीज का पहला है, जिसमें कई अहम मंत्रालय शिफ्ट होंगे। इस पहल का उद्देश्य केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों को एक ही परिसर में लाकर प्रशासनिक कार्यप्रणाली को अधिक दक्ष, सुव्यवस्थित और उत्तरदायी बनाना है।
अभी तक केंद्र सरकार के कार्यालय दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए थे। गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, कृषि, उद्योग, ग्रामीण विकास जैसे कई मंत्रालय दशकों पुराने और जीर्ण-शीर्ण भवनों में कार्यरत थे। नवनिर्मित कर्तव्य भवन से इन मंत्रालयों को एक ही परिसर में लाने से न केवल संचालन में सुधार होगा, बल्कि पुराने भवनों के रख-रखाव पर आने वाले भारी खर्च में भी कमी आएगी।
कर्तव्य भवन लगभग डेढ़ लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है। इसमें दो बेसमेंट और सात मंजिलें हैं, जिनमें भूतल भी शामिल है। यह अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। भवन में स्मार्ट आईडी कार्ड आधारित प्रवेश प्रणाली, एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली और सेंट्रल कमांड सेंटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस भवन में रूफटॉप सोलर पैनल, सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम, आधुनिक हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) तकनीक के साथ वर्षा जल संचयन प्रणाली भी लगाई गई है। भवन को GRIHA-4 रेटिंग के तहत उच्चतम पर्यावरणीय मानकों के अनुसार बनाया गया है, जिसमें जल संरक्षण के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
इस नए परिसर में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, साथ ही प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय भी स्थित होगा। इससे मंत्रालयों के बीच समन्वय बेहतर होगा और सार्वजनिक सेवा में तेजी आएगी।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कर्तव्य भवन के उद्घाटन से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को नई गति मिलेगी, जो देश की राजधानी दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे को और मजबूत करेगा। यह परियोजना भारत के आधुनिक और सतत विकास के संकल्प का प्रतीक भी है।