KNEWS DESK – वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मंदिर सकारात्मक ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होता है। यह न केवल मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का भी प्रतीक माना जाता है। घर के मंदिर के सही तरीके से निर्माण और उसकी देखभाल से घर में सकारात्मकता का संचार होता है। यदि आप भी अपने घर में मंदिर स्थापित करना चाहते हैं, तो कुछ विशेष वास्तु नियमों का पालन जरूर करें। आइए, जानते हैं घर के मंदिर से जुड़े वास्तु शास्त्र के महत्वपूर्ण नियमों के बारे में।
1. मंदिर की सही दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मंदिर हमेशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। इसे सबसे पवित्र और शुभ दिशा माना जाता है, क्योंकि इस दिशा में देवी-देवता निवास करते हैं। यह दिशा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में मदद करती है। यदि आप मंदिर को इस दिशा में स्थापित नहीं कर सकते हैं, तो पूर्व दिशा भी शुभ मानी जाती है, क्योंकि यहाँ से सूर्य का उदय होता है, जिससे घर में ऊर्जा का संचार होता है।
2. दीवार से सटाकर न रखें मूर्तियाँ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मूर्तियों को कभी भी दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है। भगवान की मूर्तियाँ हमेशा दीवार से कुछ दूरी पर रखें, ताकि पूजा स्थल में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। पूजा करते समय यह भी ध्यान रखें कि आप दीवार से पीठ न लगाकर बैठें, क्योंकि इससे पूजा का असर भी कम हो सकता है।
3. एक साथ न रखें दो समान मूर्तियाँ
घर के मंदिर में एक ही भगवान की दो मूर्तियाँ न रखें। जैसे कि दो शिवलिंग, दो शालिग्राम, दो सूर्य प्रतिमा या तीन गणेश प्रतिमा। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है। इस नियम का पालन करके आप मंदिर में शांति और सकारात्मकता बनाए रख सकते हैं।
4. सूखी फूल माला से बचें
घर के मंदिर में कभी भी सूखी हुई फूल माला या मुरझाए हुए फूल नहीं रखें। ऐसे फूल माला से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। फूलों को ताजे रखना चाहिए, क्योंकि ताजे फूल ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाते हैं और घर में सकारात्मक वातावरण बनाए रखते हैं।
5. आसन पर रखें मूर्तियाँ
मंदिर में मूर्तियाँ स्थापित करने से पहले हमेशा एक स्वच्छ आसन बिछाकर रखें। यह आसन कपड़े का हो सकता है, जो पूरी तरह से स्वच्छ हो। मूर्तियों को इस आसन पर ही स्थापित करना चाहिए, ताकि पूजा स्थल पवित्र रहे और भगवान की पूजा विधिपूर्वक की जा सके।
6. मंदिर के पास बेड की दिशा का ध्यान रखें
यदि घर के मंदिर और बेडरूम एक ही कमरे में हैं, तो ध्यान रखें कि आपका बिस्तर मंदिर की दिशा की ओर न हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से स्वास्थ्य और मानसिक शांति में कमी आ सकती है। बेड और मंदिर के बीच पर्याप्त दूरी बनाए रखें, ताकि पूजा स्थल की ऊर्जा का प्रभाव बिस्तर पर न पड़े।
7. मंदिर की स्वच्छता
घर के मंदिर की स्वच्छता बनाए रखना बेहद जरूरी है। मंदिर में किसी भी प्रकार की गंदगी या अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, मंदिर के आस-पास हल्की रोशनी का ध्यान रखें, जिससे पूजा का माहौल और भी शांतिपूर्ण और दिव्य बन सके।
8. ध्यान से रखें पूजा की सामग्रियाँ
मंदिर में हमेशा पूजा की सभी सामग्रियाँ जैसे दीपक, अगरबत्ती, फूल, कपूर आदि साफ-सुथरी और शुभ सामग्री का ही इस्तेमाल करें। इन वस्तुओं से न केवल पूजा का वातावरण शुभ होता है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।
9. मंदिर में न रखें गैर-धार्मिक वस्तुएं
घर के मंदिर में केवल धार्मिक वस्तुएं ही रखें। किसी भी प्रकार की गैर-धार्मिक या अशुभ वस्तु को मंदिर में रखना घर में नकारात्मक ऊर्जा ला सकता है। मंदिर का स्थान केवल पूजा और श्रद्धा का होना चाहिए।