उत्तराखंड- उत्तराखंड की धामी सरकार ने प्राधिकरण के गठन पर कार्य शुरू कर दिया है। दअरसल धामी सरकार चारों धामों में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाएं मजबूत करने के लिए चारधाम यात्रा प्राधिकरण पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में चारधाम यात्रा प्राधिकरण के ड्राफ्ट बनाने पर चर्चा की गई है। बैठक में यात्रा व्यवस्थाओं को उच्च स्तरीय बनाने पर मंथन किया गया। इसके साथ ही किस तरह भीड़ मैनेजमेंट करने के साथ ही धामों समेत पूरे यात्रा रूट पर आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जा सकता है, इस पर सभी विभागों से राय ली गई। आपको बता दें कि धामी सरकार के प्राधिकरण के गठन से पहले वर्ष 2019 में तत्कालीन त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने भी देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। इसके तहत चारोंधामों के अलावा 51 मंदिरों का प्रबंधन बोर्ड ने अपने हाथों में ले लिया था। त्रिवेंद्र रावत का दावा था कि प्रबंधन सरकार के हाथों में लेने से विकास कार्यों में तेजी आएगी और मंदिर प्रबंधन देश के बड़े मंदिरों की तरह बेहतर होगा हांलाकि तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया था हांलाकि अब धामी सरकार प्राधिकरण पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सभी से बातचीत के बाद सरकार प्राधिकरण की दिशा में आगे बढ़ेगी वहीं विपक्ष ने अब धामी पर प्राधिकरण के मुद्दे पर घेराबंदी शुरू कर दी है। सवाल ये है कि क्या चारधाम यात्रा का प्रबंधन प्राधिकरण से ही हो सकता है।
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा अपने चरम पर है। आलम ये है कि राज्य सरकार ने 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। वहीं दो सप्ताह के भीतर ही अब तक 31 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराए हैं। जबकि 9 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए हैं। चारों धामों में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ ने सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है। आपको बता दें कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा है। पिछले वर्ष 56 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए थे। वहीं इस वर्ष माना जा रहा है कि यह आंकड़ा 75 लाख के पार जाएगा। जबकि आने वाले समय में यह आंकड़ा एक करोड़ के पार होने का अनुमान है। ऐसे में सरकार यात्रा के प्रबंधन को लेकर प्राधिकरण के गठन की तैयारी कर रही है वहीं विपक्ष का कहना है कि यदि सरकार समय रहते चारधाम यात्रा की तैयारी करे तो यात्रा सही से संचालित हो सकती है लेकिन समय रहते ना तो पर्यटन विभाग कोई कार्य करता है और ना ही मंदिर समिति।
कुल मिलाकर चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में तो काफी उत्साह देखने को मिल रहा है लेकिन बढ़ती भीड़ को नियंत्रित कर पाना सरकार के लिए चुनौतिपूर्ण हो गया है। इस बीच अब धामी सरकार चारधाम प्राधिकरण की तैयारी कर रही है। देखना होगा धामी सरकार प्राधिकरण पर आगे क्या कार्रवाई करती है? क्या प्राधिकरण से सरकार चारधाम यात्रा को व्यवस्थित चला पाएगी?
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