रिपोर्ट – शीरब चौधरी
उत्तर प्रदेश – भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीदों का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर विजय हिंदुस्तानी नाम का शख्स भारत भ्रमण पर निकले हैं। वह नंगे बदन खुद को बेड़ियों में जकड़े हुए एक हाथ में झंडा लिए दूसरे हाथ में शहीदों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग का पोस्टर लिए हैं भारत भ्रमण पर निकले हैं।
नंगे बदन और खुद को बेड़ियों से जकड़ कर भारत भ्रमण पर
आपको बता दें कि देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के लिए देश के हर युवा का दिल धड़कता है| इसी कतार में शामली के विजय का भी नाम आता है, लेकिन इनके दिल में उनके लिए एक अलग ही जज्बा है। तभी तो इन वीर बलिदानियों को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग लेकर ये नंगे बदन और खुद को बेड़ियों से जकड़ कर भारत भ्रमण पर निकले हैं। वहीं आज विजय अपने सफर को तय करते हुए अमरोहा पहुंचे और उन्होंने तहसील में शहीद का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया। युवक की मांग है कि इन नेताओं को शहीद का दर्जा दिया जाए। विजय अब तक 1400 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं और भारत भ्रमण जारी है।
कानूनी दस्तावेजों में आज भी उनके शहीद होने का कोई प्रमाण नहीं
विजय का कहना है कि आजादी के मतवाले, भारत मां के वीर सपूत, देशभक्ति का जुनून ऐसा कि 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए | जिन्हें आप और हम शहीद-ए-आज़म भगत सिंह कहते हैं | मगर अफसोस है कि उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है| कई सरकारें आईं और कई सरकारे गईं, लेकिन किसी सरकार ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा नहीं दिया। कानूनी दस्तावेजों में आज भी उनके शहीद होने का कोई प्रमाण नहीं है|
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ छेड़ी थी जंग
गौरतलब है कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जंग छेड़ी थी और 23 मार्च सन 1931 को तीनों क्रांतिकारियों को फांसी दे दी गई थी| वहीं, आजाद भारत का एक युवा विजय हिंदुस्तानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर अपने शरीर को बेड़ियों से जकड़ कर नंगे पाव भारत भ्रमण यात्रा पर निकला है।