KNEWS DESK- महिला प्रीमियर लीग सीजन-टू के उद्घाटन मैच में आखिरी गेंद पर छक्का लगाने वाली सजना सजीवन रातोंरात सनसनी बन गई हैं। केरल के वायनाड के मनंतवाड़ी की रहने वाली सजना सड़कों पर क्रिकेट खेलती थीं। अब वे दुनिया की सबसे बड़ी टी-20 लीग में खेल रही हैं।
सजना के माता-पिता, खास कर उनकी मां शारदा ने उनके खेलने के जुनून को पूरा बढ़ावा दिया। उनकी मां लोकल पॉलिटिक्स में सक्रिय थीं। उनकी पहचान व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धाओं में वायनाड जिले की चैंपियन के रूप में थी। खास कर जैवलिन थ्रो, शॉट-पुट और हाई जंप में।
सजना लड़कों के साथ खेलकर बड़ी हुईं, क्योंकि वहां ज्यादातर लड़कियां या तो क्रिकेट नहीं खेलती हैं या अभ्यास नहीं करती हैं। सजना सजीवन को मुंबई इंडियंस महिला टीम में ऊंचा दर्जा दिया गया है।
सजना सजीवन की मां शारदा सजीवन ने कहा कि “जब मैं पंचायत अध्यक्ष थी, तो लोग उसे मेरी बेटी के रूप जानते थे। उसने मजाक किया कि वो इसे बदल देगी। अब लोग कहते हैं कि शारदा सजीवन सजना की मां हैं। पहले उसने बेशक मजाक किया हो, लेकिन इसे बदलने के लिए उसने कड़ी मेहनत की।”
“हाई स्कूल के दौरान वो कई प्रतियोगिताओं में जिला और राज्य स्तर पर खेली। उस समय उसके पीटी टीचर ने कहा कि हमें उसे क्रिकेट खेलाना चाहिए। उसने हमें भरोसा दिया कि हमारी आर्थिक हालत इसकी इजाजत नहीं देती है, फिर भी वो खेल सकेगी, क्योंकि उसे हर टूर्नामेंट के लिए टीए और डीए मिलेगा।”
दादी सारदा ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि “उसके पिता के भाई हमारे घर के पीछे मैदान में क्रिकेट खेलते थे। मैं उसे अकेले नहीं छोड़ना चाहती थी। इसलिए मैं उसे चाचा के साथ भेजती थी। वे उसे खेलने के लिए प्लास्टिक का बैट और बॉल देते थे।”
सजना सजीवन के चचेरे भाई ने कहा कि “वो यहां हमारे साथ खेलती थी। फिर वो केरल टीम की कप्तान बनी। तब हम उससे कम ही मिल पाते थे। अब हम उसे केवल वीडियो कॉल पर ही देखते हैं।”
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