जानिए कौन हैं नीरज चोपड़ा के साथ फाइनल में जगह बनाने वाले मनू और जेना?

KNEWS DESK… वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सभी को उम्मीद थी की नीरज चोपड़ा कमाल करेंगे. इस टूर्नामेंट में भारत की तरफ से नीरज चोपड़ा पदक के मजबूत दावेदार के रूप में देखे जा रहे थे लेकिन इस जैवलिन थ्रोअर के साथ दो खिलाड़ियों ने दमदार खेल दिखाया. ये दो खिलाड़ी हैं- मनू डीपी और किशोर कुमार जेना. नीरज के साथ ही ये दोनों वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जैवलिन थ्रो के फाइनल में पहुंचे हैं. किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि ये दोनों फाइनल तक का सफर तय करेंगे. अब दोनों चाहेंगे कि पदक भी अपने नाम करें.

दरअसल आपको बता दें कि भारत में जैवलिन थ्रो में नीरज का नाम सबसे ऊपर रहता है, लेकिन अब मनू और किशोर कुमार ने भी अपना नाम चमकाया है. नीरज ने जहां 88.77 मीटर की दूरी तय करते हुए फाइनल में जगह बनाई तो वहीं मनू ने 81.31 मीटर और किशोर जेना ने 80.55 मीटर की दूरी तक भाला फेंक फाइनल का टिकट कटाया. अब फाइनल में क्या होगा ये तो समय ही बताएगा लेकिन इन दोनों ने वो जरूर कर दिया है जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी.

जानकारी के लिए बता दें कि मनू और जेना दोनों देश के अलग-अलग इलाकों से आते हैं. ऐसे इलाके जहां जैवलिन थ्रो को कोई ज्यादा जानता नहीं है.दोनों ही किसानों के बेटे हैं.स्पोर्टस्टार की रिपोर्ट के मुताबिक मनू के पिता कर्नाटक के बेलुर में कुपागोडा गांव में कॉफी की खेती करते हैं. वहीं जेना का परिवार ओडिशा पुरी में कोठाशाही गांव में चावल की खेती करता है. रोचक बात ये है कि दोनों का ही पहला प्यार जैवलिन नहीं था बल्कि दोनों वॉलीबॉल खेलने के शौकिन थे. दोनों हालांकि अलग-अलग कारणों से इस खेल को जारी नहीं रख पाए और बीच में ही दोनों ने खेल छोड़ दिया. मनू ने 15 साल की उम्र में जैवलिन थ्रो का दामन थामा था.उनके स्कूल के कोच ने उन्हें इस खेल से रूबरू कराया. इसका कारण हालांकि उनकी हाइट थी.इसके अलावा उन्हें कोई ऐसा खेल चुनना था जिससे वह स्पोर्ट्स हॉस्टल में दाखिल हो सकें.इसलिए वह जैवलिन थ्रो में आए. इन दोनों को सही मार्गदर्शन से सही रास्ता मिला और फिर दोनों यहां तक पहुंचे. मनू को नीरज के शुरुआती कोच और कॉमनवेल्थ गेम्स के मेडलिस्ट काशीनाथ नाइक ने तराशा. वहीं जेना को समरजीत सिंह ने अपनी कोचिंग में लिया. दोनों हालांकि बुडापेस्ट बिना अपने निजी कोच के बिना गए हैं. वहीं जेना को तो वीजा को लेकर परेशानी तक का सामना करना पड़ा था. आखिरी समय पर उनको वीजा मिला था. अब दोनों ही फाइनल में नीरज के साथ पदक जीतना चाहते हैं.ये पहली बार है जब भारत के तीन खिलाड़ी वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जैवलिन थ्रो के फाइनल में पहुंचे हैं. नीरज ने इस बात पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भारत के लिए ये बड़ी उपलब्धि है. नीरज ने कहा उन्होंने अभी तक सिर्फ फिनलैंड जर्मनी जैसे देशों के तीन खिलाड़ी फाइनल में देखे थे, लेकिन अब भारत के भी तीन खिलाड़ी फाइनल में हैं जो देश के लिए बड़ी बात है.

 

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