KNEWS DESK नसीरुद्दीन शाह बॉलीवुड के सबसे दिग्गज कलाकारों में से एक है. इनकी अदाकारी का पूरा देश कायल है| इन्होंने कई दशक सिनेमाघरों में काम किया जिस वजह से नसीरुद्दीन अपने दौर के सुपरस्टार कहे जाने लगे| वर्ष 1981 में फ़िल्म ‘आक्रोश’, 1982 में फ़िल्म ‘चक्र’ और 1984 में फ़िल्म ‘मासूम’ के लिए सर्वश्रेष्ट अभिनेता के फ़िल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया लेकिन साथ ही नसीरुद्दीन अपने बयानों की वजह से भी खबर में बने रहते हैं|हालांकि, यह नाम कमाने में उन्होंने जितना संघर्ष किया, वह काफी कम लोग कर पाते हैं. बर्थडे स्पेशल में हम आपको उनकी जिंदगी के बारे कुछ बातें बताने जा रहे हैं ..
परिवार के कारण पाकिस्तान नहीं गए नसीरुद्दीन
आज आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अपने बयानों से बवाल मचाने में माहिर नसीरुद्दीन अपने परिवार की वजह से हिंदुस्तान में रह गए. इसका कारण ये था कि उनके पिता मोहम्मद शाह तहसीलदार थे. जब देश का बंटवारा हुआ तो पूरा परिवार पाकिस्तान जाने के लिए तैयार हो गया, लेकिन मोहम्मद शाह ने हिंदुस्तान छोड़ने से साफ इनकार कर दिया. जिस वजह से उनको भारत में रहना पड़ा.
पढ़ाई के दौरान रचाई शादी
बॉलीवुड के मशहूर नायक नसीरुद्दीन शाह उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रहने वाले हैं. इनके पिता आर्मी अफसर थे जबकि मां गृहिणी थीं. नसीर की शुरुआती पढ़ाई सेंट ऐंसेल्म स्कूल अजमेर और सेंट जॉजेफ कॉलेज, नैनीताल से हुई. नैनीताल के बाद उन्होंने कला में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया इसी बीच नसीरुद्दीन शाह ने अपना पहला निकाह महज 19 साल की उम्र में कर लिया था. उन्होंने 34 साल की पाकिस्तानी युवती परवीन को अपना शरीक-ए-हयात बनाया था, जो उनके साथ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी. निकाह के महज 10 महीने बाद ही परवीन ने बेटी हिबा को जन्म दिया. हालांकि, यह रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चला और वह अपनी बेटी के साथ भारत छोड़कर चली गईं. इसके बाद नसीरुद्दीन शाह की जिंदगी में रत्ना पाठक ने कदम रखा.
काफी संघर्ष के बाद ही कर पाए एक्टिंग
नसीरुद्दीन के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्मों में काम करे लेकिन नसीरुद्दीन फिल्मों का शौक तो रखते ही थे लेकिन फिल्मों में आने की उनकी एक वजह ये भी थी कि वो पढ़ाई से बचना चाहते थेय एक इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि, ‘मैं पढ़ाई में बहुत कमजोर था, बात बात पर शिक्षकों से थप्पड़ खाता था. उस वक्त मैंने सोचा कि फिल्मों में करियर बनाना चाहिए. पढ़ाई से बचने का ये एकमात्र रास्ता है’ जब उनकी पढ़ाई पूरी हो गई और पिता ने पूछा आगे क्या करना है तब उन्होंने कहा कि मुझे एक्टिंग में ही करियर बनाना है.हालांकि, सामान्य कद-काठी के चलते उन्हें बार-बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. एक बार उनकी मुलाकात फिल्ममेकर श्याम बेनेगल से हुई और इसके बाद नसीरुद्दीन शाह के अभिनय की ट्रेन अपने सफर पर निकल पड़ी.
बयानों से मचा चुके बवाल
हाल ही में नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में कहा कि, ‘कुछ फिल्मों और शो का दुष्प्रचार के रूप में यूज किया जा रहा है. साथ ही इनका इस्तेमाल चुनाव में वोट पाने के लिए लिए भी हो रहा है| ये सत्ताधारी दल बहुत चतुराई से इनका यूज कर रही है| यही वजह है कि आजकल पढ़े-लिखे लोगों का भी मुसलमानों से नफरत करना फैशन बन गया है|’इसके आगे ये भी कहा कि, ‘चुनाव आयोग भी ऐसी चीजों पर चुप्पी साधे रखता है| जब राजनीतिक पार्टियां धर्म का यूज चुनावों के लिए करती हैं तो चुनाव आयोग चुप रहता है.
वहीं अगर किसी मुस्लिम लीडर ने अगर अल्लाह हू अकबर कहकर वोट मांग लिया होता तो अब तक बड़ा बवाल खड़ा हो जाता|इस बयान से कई लोगो ने नसीरुद्दीन शाह की आलोचना भी हुई थी .वहीं, एक बार तो उन्होंने मुगलों की तारीफ करके खुद को ट्रोल्स के निशाने पर पहुंचा दिया था. लव जिहाद को तमाशा बताने वाले उनके बयान पर भी काफी विवाद हुआ था. इसके अलावा उन्होंने हरिद्वार में हुई धर्म संसद के वक्त कहा था कि 20 करोड़ लोग यूं ही हार नहीं मान लेंगे. इस बयान को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी. साथ ही, बुलंदशहर हिंसा को लेकर दिए गए बयान पर भी वह काफी ट्रोल हुए थे.