नवरात्रि में आखिर क्यों जलाते हैं अखंड ज्योति? जान लें इसके सभी नियम, मंत्र और महत्व

KNEWS DESK : नवरात्रि में भक्त माता की अखंड ज्योत जलाते हैं. बिना ज्योत बुझे कई दिनों तक ज्योत को जलाए रखना अखंड ज्योत कहलाती है.

चैत्र नवरात्रि में अब कुछ ही दिन बचे हैं और इन नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के प्रथम दिन ज्यादातर घरों में घटस्थापना और अखंड ज्योति भी प्रज्वलित की जाती है। अखंड ज्योत जब जलाते हैं, तब उसे नौ दिन बिना बुझे जलाने का प्रावधान होता है…

 महत्व– मान्यता है कि अखंड ज्योत जलाने से मां स्वयं दीपक में विराजमान होती है. ऐसे में मां का आशीर्वाद सदैव घर परिवार के सदस्यों पर बना रहता है.
– अखंड ज्योत सिर्फ दीपक नहीं होता है बल्कि यह भक्ति का प्रकाश होता है ऐसे में नौ दिनों तक अखंड ज्योति प्रज्वलित करने से जीवन से अंधकार दूर होता है.
– अखंड ज्योत जलाने से घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और मां दुर्गा की कृपा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं. नवरात्रि में मनोकामनां पूर्ण करने के लिए भक्तों को अखंड ज्योत प्रज्वलित करनी चाहिए.
– अखंड ज्योत जलाने से सभी प्रकार के वास्तु दोष भी दूर होते हैं. वास्तु दोष के दूर होने से भक्तों का भाग्योदय होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

 नियम 

मंत्र जाप के साथ प्रज्वलित करें ज्योत
नवरात्रि पर अखंड ज्योत जलाने से पहले मां दुर्गा से ज्योत जलाने का संकल्प लेना चाहिए. माता से इसे पूरा करने का आशीर्वाद मांगें. मां दुर्गा, भगवान गणेश और शिवजी की पूजा अराधना के साथ दीपक जलाएं. दीप प्रज्वलित करते समय “ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते” मंत्र का जाप अवश्य करें.

अखंड दीपक रखने के नियम
अखंड दीपक चौकी पर लाल कपड़ बिछाकर रखना चाहिए. यदि आप दीपक को जमीन पर रख रहे हैं तो इसके लिए खास नियम का पालन करना चाहिए. आपको दीपक जमीन पर रखने के लिए पहले जमीन पर अष्टदल बनाना चाहिए. अष्टदल आपको पीले चावल और गुलाल से बनाना चाहिए.

दीपक की बाती के नियम
अखंड दीपक की बाती हमेशा कलावे की बनानी चाहिए. कलावे से सवा हाथ की बाती बनानी चाहिए. कलावे से बनी बाती को नौ दिनों तक लगातार जलते रहने देना चाहिए. इसे गलती से भी बुझने न दें. ऐसे में यह ज्योत खंडित हो जाती है.

शुद्ध घी की ज्योत जलाएं
अखंड ज्योत जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करना चाहिए. हालांकि आपके पास देसी घी मौजूद नहीं है तो ऐसे में आप किसी और घी या तिल और सरसों के तेल से भी ज्योत जला सकते हैं. अखंड ज्योत को माता के दाईं ओर रखना शुभ होता है, हालांकि तेल की ज्योत को माता की चौकी के बाईं ओर रखना चाहिए. अखंड ज्योत के लिए पीतल के दीपक का इस्तेमाल करें पीतल का दीपक नहीं है तो मिट्टी के दीपक का इस्तेमाल कर सकते हैं.

आग्नेय कोण में रखें अखंड ज्योत 
अखंड दीपक को आग्नेय कोण यानी पूर्व और दक्षिण दिशा के मध्य स्थान में रखना चाहिए. इस स्थान को अग्निदेव का स्वामी माना जाता है. आपको अखंड ज्योत से दीपक भी नहीं जलाना चाहिए. ऐसा करना अशुभ होता है. पूजा के बाद भी अखंड ज्योत को स्वयं से नहीं बुझाना चाहिए. इसे अपने आप बुझने देना चाहिए.

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