जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा, “अल्लाह शब्द संस्कृत से आया…”

varanasi- जगन्नाथ पुरी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी के ओम वाले बयान पर पलटवार किया । निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि “अल्लाह शब्द संस्कृत शब्द है।” उन्होंने कहा कि “धर्म पर सवाल उठाने लोग हमारे संस्कृत व्याकरण का अध्यन करें क्योंकि हम सब के पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य ही थे।” इसके साथ ही उन्होंने बागेश्वर धाम का भी समर्थन किया है।

उन्होंने कहा कि “विश्व में एक ही धर्म है- हिन्दू सनातन धर्म ।” उन्होंने दावा किया कि “बाकी सभी धर्म सिर्फ संप्रदाय हैं।” उन्होंने कहा कि “धर्म पर सवाल उठाने वाले पहले संस्कृत व्याकरण सीख लें। हम सभी सनातनी वैदिक आर्य थे।” शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि “रामचरितमानस  पर सवाल उठाने वालों को चाणक्य नीति पढ़नी चाहिए।” उन्होंने कहा कि “दूसरे धर्मों के शास्त्रों के खिलाफ कुछ भी कहने की हिम्मत किसी में नहीं है।”

निश्चलानंद सरस्वती ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि “वह हिंदुओं को भटकने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “वह भगवान का नाम लेकर अच्छा करते हैं। वह कभी नहीं कहते कि “उन्होंने कोई चमत्कार किया।” वह कहते हैं कि “जो कुछ भी हुआ है, वह भगवान हनुमान की शक्ति के कारण हुआ है।”

जगद्गुरु शंकराचार्य बनारस दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने वाराणसी के प्रसिद्ध अस्सी घाट पर प्रेस वार्ता की थी। पीएम नरेंद्र दामोदर दास मोदी और लोकसभा चुनाव को लेकर भी उन्होंने बड़ा बयान दिया है। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि “2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे क्योंकि वह देश को लूटने वाले नहीं है और अपने घर को भरने वाले भी नहीं है।”

बता दें कि इस्लामिक धर्मगुरु अरशद मदनी ने बयान दिया था कि “ओम और अल्लाह एक ही हैं।”  उन्होंने यह भी पूछा कि “जब धरती पर कोई नहीं था तब मनु किसे पूजते थे।” उन्होंने कहा कि “आदम हिंदू और मुसलमान दोनों के पूर्वज हैं।” जब मदनी ने यह बयान दिया “तो वहां पर जैन धर्म गुरु लोकेश मुनि भी बैठे थे लेकिन मंच छोड़ कर चले गए।” बता दें कि “वह हर धर्म के लोग बैठे थे।”

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