KNEWS DESK, देशभर में इस समय नवरात्र बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है| देवी के कई मंदिर हैं और उनकी अलग-अलग मान्यताएं भी हैं| हिन्दू मान्यता के अनुसार “मंदिरों में जाते समय लोगो को चप्पल-जूते उतार देने चाहिए| लेकिन वो कहते है ना की भारत विविधताओ का देश है तो बस भोपाल में एक अनोखा देवी मंदिर है, जहां भक्त माता को चप्पल-जूते अर्पित करते हैं| जानकर अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है| इस मंदिर में भक्त माता को प्रसाद के रूप में जूते-चप्पल चढ़ाया करते हैं|
दरअसल, भोपाल के कोलार क्षेत्र में देवी का मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है और यहां माता सिद्धिदात्री विराजमान हैं| इस मंदिर को जीजाबाई माता मंदिर के नाम से जाना जाता है| इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि “यहां देवी की पूजा बेटी के रूप में होती है और यहां आने वाले भक्त देवी को भेंट के रूप में नई-नई चप्पल चढ़ाया करते हैं|” भक्त विदेशों से भी नए-नए जूते व सैंडल आदि भेजा करते हैं|
मां सिद्धिदात्री मंदिर कोलार की पहाड़ी पर स्थित है और इस मंदिर की स्थापना ओमप्रकाश महाराज ने करीब 30 वर्ष पहले की थी. इस मंदिर में पहुंचने के लिए भक्तों को तकरीबन 300 सीढ़ी चढ़कर पहाड़ी पर पहुंचना पड़ता है. ओम प्रकाश महाराज बताते हैं कि मंदिर की स्थापना से पहले भगवान शिव पार्वती के विवाह का अनुष्ठान कराया गया था. इस विवाह में उन्होंने पार्वती जी का खुद कन्यादान अपने हाथों से किया था, इसलिए पंडित ओम प्रकाश महाराज माता को बेटी मानकर पूजा करते हैं|
मान्यता यह है कि “इस मंदिर में मां को नई चप्पल, सैंडल, चश्मा, गर्मियों के सीजन में कैप और घड़ी चढ़ाने से देवी माता प्रसन्न हो जाती हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूरी कर देती हैं| मां जीजाबाई के कई भक्त विदेश से मैया के लिए जूते चप्पल भेजते रहते हैं| इस मंदिर में पूरे साल तक समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं| मंदिर में जीजाबाई माता को हर रोज नई-नई पोशाक पहनाई जाती है| नवरात्रि में माता के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ होती है|”
ओम प्रकाश महराज बताते हैं कि “भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाले इन जूते-चप्पलों को गरीब बेसहारा और जरूरतमंदों को लोगो को प्रसाद के रूप में दे दिया जाता है या गरीबों के बीच इन्हें बाँट दिया जाता है|”