KNEWS DESK- हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है, और इनमें से सबसे कठिन और पुण्यदायी व्रत माना जाता है — निर्जला एकादशी। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे करने से सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है।
निर्जला एकादशी 2025 कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, निर्जला एकादशी की तिथि इस प्रकार है:
- तिथि प्रारंभ: 5 जून 2025, रात 2:15 बजे
- तिथि समाप्त: 6 जून 2025, रात 9:33 बजे
- उदया तिथि के अनुसार व्रत: 6 जून 2025, शुक्रवार को रखा जाएगा
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का सर्वोत्तम समय:
- शुभ पूजा समय: 6 जून 2025 को सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
- व्रत पारण का समय: 7 जून 2025, शनिवार को दोपहर 1:35 बजे से शाम 4:00 बजे तक
व्रत की विशेषता: जल का भी त्याग
निर्जला एकादशी को सबसे कठिन व्रत इसलिए माना गया है क्योंकि इसमें जल का भी सेवन वर्जित होता है। इस दिन पूर्ण संयम, उपवास और भक्ति के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। महाभारत के अनुसार, भीमसेन भोजन के बिना नहीं रह सकते थे, लेकिन वे भी एकादशी व्रत का पुण्य प्राप्त करना चाहते थे। तब महर्षि वेदव्यास ने उन्हें केवल निर्जला एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। इस एक व्रत के प्रभाव से भीम को सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त हुआ।
व्रत करने के लाभ
- सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
- मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- आरोग्य, सुख और समृद्धि का वास होता है।
- पितरों की आत्मा को शांति और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- परिवार में सुख-शांति और खुशहाली आती है।
निर्जला एकादशी का व्रत श्रद्धा, नियम और भक्ति के साथ किया जाए तो यह जीवन में अत्यंत शुभ फलदायक होता है। यह न केवल आत्मिक शुद्धि का मार्ग है बल्कि पितरों की कृपा पाने का भी श्रेष्ठ अवसर है।