KNEWS DESK : 3 अक्टूबर, सोमवार को शारदीया नवरात्रि का आठवां दिन है। शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा- अर्चना की जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी 3 अक्टूबर 2022 को है. इसे महा अष्टमी और दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन जगत जननी मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मां महागौरी की पूजा होती हैं. देवी महागौरी के पूजन से पाप कर्म से छुटकारा मिलता है. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व होता है. इस साल महा अष्टमी पर बहुत शुभ योग बन रहा है जिसमें देवी की पूजा के दोगुना फल मिलेगा. आइए जानते हैं अष्टमी पर कैसे करें मां महागौरी की पूजा, मंत्र, भोग, योग और आठवें दिन का शुभ रंग.
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 28 मार्च को शाम 07 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ होगी जो कि 29 मार्च को रात 09 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी।
मां महागौरी पूजा विधि..
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।महा अष्टमी पर घी का दीपक लगाकर देवी महागौरी का आव्हान करें और मां को रोली, मौली, अक्षत, मोगरा पुष्प अर्पित करें. इस दिन देवी को लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर जरूर चढ़ाएं इससे मां महागौरी प्रसन्न होती हैं. नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं. मंत्रों का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें. कई लोग अष्टमी पर कन्या पूजन और हवन कर व्रत का पारण करते हैं. महा अष्टमी पर देवी दुर्गा की पूजा संधि काल में बहुत लाभकारी मानी गई है
महत्व
मां महागौरी की पूजा- अर्चना करने से विवाह में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
मां की कृपा से मनपंसद जीवनसाथी मिलता है।
मां महागौरी की अराधना करने से संकट दूर होते हैं पापों से मुक्ति मिलती है।
व्यक्ति को सुख-समृद्धि के साथ सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है।
मां महागौरी मंत्र
- बीज मंत्र – श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
- प्रार्थना मंत्र – श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥