knews desk : चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
ऐसे करें देवी की पूजा
- सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नानादि कर सभी नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं.
- फिर देवी की तस्वीर या मूर्ति को एक चौकी पर स्थापित करें.
- एक पुष्प हाथ में लें और मां के मंत्र का जाप करें.
- इसके बाद फूल को मां के चरणों में चढ़ाएं.
- देवी को लाल वस्त्र, 3 हल्दी की गांठ, पीले फूल, फल, आदि अर्पित करें.
- मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं. इससे मां प्रसन्न हो जाती हैं.
- इसके बाद दुर्गा चालिसा का पाठ करें.
- मां के मंत्रों का जाप करें और आरती का पाठ करें.
देवी कात्यायनी का मंत्र
कंचनाभा वराभयं पद्मधरां मुकटोज्जवलां।
स्मेरमुखीं शिवपत्नी कात्यायनी नमोस्तुते॥
चन्द्रहासोज्जवलकरा शाईलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
कथा
पौराणिक कथाओं अनुसार, एक प्रसिद्ध महर्षि कात्यायन ने भगवती जगदम्बा को पुत्री के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी. कठिन तपस्या के पश्चात् महर्षि कात्यायन के यहां देवी जगदम्बा ने पुत्री रूप में जन्म लिया और वे मां कात्यायनी कहलाईं. इनका प्रमुख गुण खोज करना था. मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं. कहा जाता है कि नवरात्रि के दिन इनकी पूजा करने से साधक का मन आज्ञा चक्र में स्थित रहता है. योग साधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है.