रिपोर्ट- गिरिधर पचौरी
KNEWS DESK- आज पूरे देशभर में बसंत-पंचमी का त्यौहार मनाया जा रहा है लेकिन बृजभूमि में इस त्यौहार का अपना अलग ही महत्त्व है| धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रज में आज के दिन से ही 45 दिनों के होली के पर्व की शुरुआत हो जाती है और इस दिन यहां के सभी मंदिरों में जमकर गुलाल उड़ाया जाता है| वृन्दावन के विश्वप्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर में भी बसंत-पंचमी की इस होली का नजारा बेहद खूबसूरत होता है|
होली शुरू होने में भले ही अभी 40 दिन बाकी हों लेकिन ब्रज में आज से ही होली की शुरुआत हो चुकी है| धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रज में बसंत ऋतू के आगमन के साथ ही बसंत-पंचमी के दिन से होली की शुरुआत हो जाती है| यहां के सभी मंदिरों में आज ही के दिन से गुलाल उड़ाना शुरू हो जाता है और ये सिलसिला अगले 45 दिनों तक यूं ही चलता रहता है| बसंत-पंचमी के दिन वृन्दावन के विश्वप्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर में भी जमकर गुलाल उड़ाया जाता है|
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— Knews (@Knewsindia) February 14, 2024
परंपरा के अनुसार, आज के दिन मंदिर में श्रृंगार आरती के बाद सबसे पहले मंदिर के सेवायत पुजारी भगवान बांकेबिहारी को गुलाल का टीका लगाकर होली के इस पर्व की विधिवत शुरुआत करते हैं| इसके बाद इस पल के साक्षी बने मंदिर प्रांगण में मौजूद श्रद्धालुओं पर सेवायत पुजारियों द्वारा जमकर बसंती गुलाल उड़ाया जाता है| मंदिर में होली की विधिवत शुरुआत होने के कुछ देर बाद ही प्रांगण में माहौल बेहद खुशनुमा हो जाता है और यहां सिर्फ गुलाल ही गुलाल देखने को मिलता है| प्रांगण में मौजूद श्रद्धालू भी भगवान बांकेबिहारी के साथ होली खेलने के इस पल का खूब आनंद उठाते हैं और एक-दूसरे पर जमकर गुलाल बरसाते हैं|