हर साल बसंत पंचमी बहुत अच्छे से मनाई जाती है। इस साल बसंत पंचमी पर चार शुभ योग बन रहे हैं जोकि उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र के छत्र और मित्र नाम के योग हैं। इसी दिन शिव और सिद्ध नाम के योग बनने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है और वहीं पूजा-अर्चना के लिए 26 जनवरी को वसंत पंचमी पर सुबह सात बजकर सात मिनट से दोपहर सवा 12 बजे तक बहुत अच्छा मुहूर्त है। देश के लगभग हर राज्य में यह त्योहार उत्साह से मनाया जाता है और साथ ही स्कूल -कॉलेज में देवी सरस्वती की पूजा की की जाती है। बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जा रही है जो कि 25 जनवरी को दोपहर 12:38 से शुरू हो जाएगी और 26 जनवरी सुबह 10:38 तक रहेगी। उदय तिथि (सूर्योदय) में ही बसंत पंचमी मनाई जाएगी जोकि पंचमी तिथि का (सूर्योदय) 26 जनवरी को होगा।
बसंत पंचमी पर क्या करना चाहिए
शिक्षा, कला और साहित्य से जुड़े लोग अच्छा फल पाने के लिए पीले फूल, हल्दी, पीले वस्त्र, पीली मिठाई और हल्दी की माला साथ और भी कई चीजों से माँ सरस्वती की पूजा करे और माँ शारदे के चरणों में पेन ,पेंसिल,स्टेशनरी का सामान रख कर उसको आशीर्वाद के रूप में उपयोग में लेकर आए।इस दिन गुरुओं व अपने माता-पिता का चरण स्पर्श करें और उनका आशीर्वाद भी ले।