प्रयागराज : ज्ञानवापी ढाँचे के ‘व्यास जी तहखाना’ में होती रहेगी पूजा, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार

रिपोर्ट – राहुल शर्मा

उत्तर प्रदेश – इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को  वाराणसी स्थित ज्ञानवापी व्यासजी के तहखाने में हिंदू पक्ष को दिए गए पूजा के अधिकार पर रोक लगाने से मना करते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। दरअसल, वाराणसी की जिला अदालत ने 31 जनवरी को 2024 पर हिंदू पक्ष की अपील पर सुनवाई करते हुए यह अधिकार दिया था। इसके बाद से वहाँ पूजा शुरू हो गई है। वहीं इसके विरोध में मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी बंद का ऐलान किया है।

अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने कोर्ट में दी थी चुनौती 

दरअसल, वाराणसी की अदालत ने 31 जनवरी 2024 ढाँचे के नीचे हिंदुओं को पूजा करने का आदेश दिया था। जिला अदालत के इस आदेश को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ही ज्ञानवापी ढाँचे का प्रबंधन करती है।

पूजा पर अंतरिम रोक याचिका पर अनुमति देने से इनकार 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगली तारीख छह फरवरी को सुनवाई होने तक ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा होती रहेगी। सरकार को यह निर्देश दिया है कि यहां पर कोई अतिरिक्त निर्माण कार्य न कराया जाए। कोर्ट ने व्यासजी के तहखाना के अंदर पूजा पर अंतरिम रोक लगाने की मांग संबंधी मस्जिद कमेटी की याचिका पर अनुमति देने से इनकार कर दिया| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने का भी निर्देश दिया है।

जिला मजिस्ट्रेट को रिसीवर के रूप में नियुक्त

मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा कि  17 जनवरी को पारित आदेश को अभी तक मुस्लिम पक्ष ने चुनौती नहीं दी है, जिसके तहत एक जिला मजिस्ट्रेट को रिसीवर के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में इस रिसीवर को 31 जनवरी 2024 को मस्जिद के तहखाने में हिंदुओं को प्रार्थना करने का आदेश दिया गया था।

ज्ञानवापी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए का निर्देश 

कोर्ट ने कहा कि जब तक 17 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं दी जाती, तब तक मस्जिद कमेटी की चुनौती पर सुनवाई करना संभव नहीं होगा। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को जिला अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में संशोधन करने के लिए 6 फरवरी 2024 तक का समय दिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञानवापी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा गया है।

 

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