वन्यजीव और मानव संघर्ष !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ रहा है। पहाड़ों के बाद अब मैदानी क्षेत्रों में लगातार जंगली जानवरों का आतंक देखने को मिल रहा है। राजधानी देहरादून में पिछले एक माह से गुलदार की दहशत में लोग जीने को मजबूर है। गुलदार ने पहले देहरादून के राजपुर क्षेत्र से एक बच्चे को आंगन से उठाया इसके बाद फिर देहरादून में दोस्तों के साथ नदी में खेल रहे 12 साल के बच्चे पर गुलदार ने हमला कर दिया…इन दोनों घटनाओँ के बाद से लोगों में दहशत देखने को मिल रही है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड में गुलदार के बढ़ते हमलों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इनसबके बीच उत्तराखंड सरकार ने वन्यजीवों के हमले के बाद मिलने वाले मुआवजा राशि को भी बढ़ा दिया है। सरकार ने वन्यजीवों के हमले में मौत पर अब छह लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला लिया है…बता दें कि राज्य में मानव वन्यजीव संघर्ष में मृतकों के परिजनों को अबतक चार लाख रुपये दिए जाते थेजिसे बढ़ाकर अब छह लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा..जबकि ऐसे मामलों में पूरी तरह अपंग होने वालों को तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी…वहीं कांग्रेस ने सरकार से मुआवजा राशि को और बढ़ाने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस का आरोप है कि वन विभाग की ओर से मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। जिससे ये घटनाएं रुक नहीं रही है..वहीं कांग्रेस ने देहरादून में घुम रहे गुलदार को ना पकड़े जाने पर वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे किए हैं..सवाल ये है कि आखिर कब उत्तराखंड में मानव वन्यजीव की घटनाएँ रुकेगी...

 

देवभूमि उत्तराखंड में मानव और वन्यजीव का संघर्ष लगातार जारी है। आए दिन ये घटनाएँ राज्य में देखने को मिल रही है। आलम ये है कि अब पहाड़ों के बाद मैदानी क्षेत्रों में भी लगातार जंगली जानवरों का आतंक देखने को मिल रहा है। राजधानी देहरादून में पिछले एक माह से गुलदार की दहशत में लोग जीने को मजबूर है। गुलदार ने पहले देहरादून के राजपुर क्षेत्र से एक बच्चे को आंगन से उठाया इसके बाद फिर देहरादून में दोस्तों के साथ नदी में खेल रहे 12 साल के बच्चे पर गुलदार ने हमला कर दिया…इन दोनों घटनाओँ के बाद से लोगों में दहशत देखने को मिल रही है। वहीं वन विभाग के हाथ अबतक खाली है। वहीं गुलदार को पकड़ने के लिए देहरादून में अब बारह टीमें लगाईं गई है..वहीं अबतक वन विभाग द्वारा गुलदार को ना पकडे जाने पर विपक्ष ने सवाल खडे किए हैं

 

आपको बता दें कि राज्य में लगातार बढ़ रही मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओँ पर सीएम धामी ने चिंता जताई है। उन्होने उन्होंने प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इनसबके बीच उत्तराखंड सरकार ने वन्यजीवों के हमले के बाद मिलने वाले मुआवजा राशि को भी बढ़ा दिया है। सरकार ने वन्यजीवों के हमले में मौत पर अब छह लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला लिया है…बता दें कि राज्य में मानव वन्यजीव संघर्ष में मृतकों के परिजनों को अबतक चार लाख रुपये दिए जाते थेजिसे बढ़ाकर अब छह लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा..वहीं कांग्रेस ने सरकार से मुआवजा राशि को और बढ़ाने की मांग की है.

 

कुल मिलाकर उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ रहा है जो कि चिंता की बात वहीं अब पहाड़ों के बाद मैदानी क्षेत्रों में भी लगातार जंगली जानवरों का आतंक देखने को मिल रहा है। वहीं पिछले एक माह बाद भी गुलदार के ना पकड़े जाने पर सवाल खडे हो रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बढ़ते मानव वनयजीव संघर्ष पर चिंता जता चुके हैं। ऐसे में क्या वन विभाग अब इस संघर्ष को रोकने की दिशा में कोई कार्य करेगा या नहीं

 

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