छात्रवृत्ति के मामले में ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं के साथ सरकार का सौतेलेपन का व्यवहार आखिर क्यों?

कानपुर। उत्तर प्रदेश में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को सरकार के द्वारा पढ़ाई में मद्द के रूप में हर वर्ग को छात्रवृत्ति देती है, जोकि इस वर्ष भी सरकार के द्वारा सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भेजी जा रही है, लगभग आधे से ज्यादा छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति आ भी चुकी है. लेकिन अगर बात की जाए ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं के स्काॅलशिप को लेकर तो समाज कल्याण विभाग के द्वारा एक अलग से नियम बनाया गया है. जिससे साफतौर से यही स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं के साथ सौतेलेपन का व्यवहार देखने को मिल रहा है.

दरअसल आपको बता दें कि जहां एक ओर सरकार के द्वारा कहा जाता है कि “सबका साथ-सबका विकास” जिसके साथ सरकार इसी नारे के साथ पूरे देश में काम कर रही है. बात अगर अब यूपी में छात्र-छात्राओं को दी जा रही छात्रवृत्ति की करें. जिसमें ओबीसी वर्ग के साथ सौतेलेपन व्यवहार देखने को मिल रहा है. ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं का वर्ष 2022-23 का भरे गए  स्काॅलशिप फाॅर्म में वेरीफाईड दिखने के बाद भी न आने पर जब वो सभी कानपुर स्थित विकास भवन में समाज कल्याण विभाग से जानकारी लेने पहुंचे तो वगां पर विभाग के द्वारा जानकारी दी गई कि ओबीसी वर्ग के लिए नियम बनाया गया कि जिनकी 65% के ऊपर पासआउट मार्किंग होगी सिर्फ उन्हें ही छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा. इस जानकारी को सार्वजनिक करने के लिए समाज कल्याण विभईग के कार्यालय पर पम्पलेट भी चस्पा कर दियागया है.

ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं का आरोप 

कामपुर स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविघायल कानपुर के पत्रकारिता एंव जनसंचार विभाग के छात्र-छात्राओं के द्वारा बताया गया कि उनके भरे गए स्काॅलशिप के फाॅर्म में वेरीफाइड दिखने के बाद भी छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल रहा है. वहीं पर आरोप लगाया कि ओबीसी वर्ग के स्टूडेंटस के साथ ही सौतेलापन का व्यवहार किया जा रहा है. हमारे वर्ग के लिए अलग से नियम लागू किया गया है जिसमें कैटेगिरी बना दी गई है. 65% से ऊपर पासआऊट हुए छात्र-छात्रओं को ही स्काॅलशिप का लाभ दिया जा रहा है. जिसको लेकर छात्र-छात्राओं के बीच भारी आक्रोश भी देखने को मिल रहा है. पत्रकारिता एंव जनसचार विभाग की छात्रा पूजा  वर्मा के द्वारा बताया गया कि ओबीसी वर्ग के लिए अलग से एक नियम बनाए जाने का क्या मतलब है आखिर सरकार ओबीसी वर्ग के साथ सौतेलापन का व्यवहार क्यों किया जा रहा है, वहीं छात्रा सुप्रिया के द्वारा कहा गया कि सरकार के मंशा के अनुरूप इनके विभाग काम नहीं कर रहे है, जिसके चलते हमारे वर्ग के साथ सौतेलेपन का व्यवहार देखने को मिल रहा है, वहीं छात्रा अनुष्का चौरसिया ने बताया कि सरकार ने नारा तो दिया है कि “सबका साथ- सबका विकास” लेकिन उसके अनुरूप ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं के साथ काम नहीं कर पा रही है. छात्रा ट्विंकल यादव के द्वारा कहा गया कि ओबीसी वर्ग के साथ हर तरफ सौतेलेपन का व्यवहार देखने को मिल रहा है.आखिर सरकार के द्वारा ओबीसी वर्ग के साथ सोतेलेपन का व्यवहार क्यों किया जा रहा है?रिचा शर्मा के द्वारा बताया कि जरनल व एससी-एसटी वर्ग के सभी छात्र-छात्राओं का स्काॅलर आ रहा. जिनकी पासआउट मेरिट 50% से भी नीचे है. सिर्फ ओबीसी वर्ग के लिए ही यह अलग से नियम क्यों को थोपा जा रहा है. आखिर सरकार का उद्देश्य क्या है, हमारे वर्ग के साथ हर जगह क्यों भेद भाव किया जा रहा है.

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