गरीबों का करोड़ों का राशन डकारने वाले राशन दुकानदारों की जांच की लीपा पोती, दुकानें बहाल करने की तैयारी

रिपोर्ट- दीपक अधिकारी

हल्द्वानी,  जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली भाजपा सरकार में उत्तराखंड के उधमसिंहनगर में कोरोना काल में गरीबों को बांटने वाले राशन में बड़ा घोटाला सामने आया था. मामले का खुलासा आरटीआई से हुआ था, जिसके बाद घोटाले के जांच में 12 सस्ता गल्ला राशन विक्रेताओं के साथ-साथ तत्कालीन जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी और क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक पर मिलीभगत कर राशन वितरण में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था,.

पूरे मामले की जांच तत्कालीन एसडीएम और उपायुक्त खाद्य विभाग द्वारा की गई थी, जहां पाया गया कि उधम सिंह नगर के किच्छा क्षेत्र अंतर्गत 12 सस्ता गल्ला दुकानदार द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ मिली भगत कर करीब एक करोड़ 9 लाख रुपए के गरीबों को दिए जाने वाले राशन का घोटाला किया है, जहां जांच के बाद 12 राशन दुकानों को निरस्त करते हुए घोटाले में शामिल दुकानदारों और तत्कालीन डीएसओ और पूर्ति निरीक्षक से घोटाले के रकम की वसूली के नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन जांच के दो साल बाद भी इन दुकानदारों और अधिकारियों से राशन घोटाले की रुपयो की वसूली अभी तक नहीं हो पाई है. यही नहीं बताया जा रहा है कि घोटाले की वसूली के बजाय पुराने जांच के आदेश को फिर से कुछ अधिकारियों द्वारा जांच कर लीपा पोती कर घोटाले में शामिल दुकानदारों के निरस्त दुकान बहाल करने की तैयारी चल रही है.

इस पूरे मामले में खाद्य मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि जीरो टॉलरेंस की सरकार में घोटाला करने वालों को बक्शा नही जायेगा मामले की जांच कराई जाएगी. अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि घोटाले में शामिल सस्ता गल्ला विक्रेताओं और अधिकारियों से अभी तक घोटाले के रकम की वसूली  क्यों नहीं हो पाई है।

 

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