KNEWS DESK- देवभूमि उत्तराखंड में अग्निपथ योजना पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस इस योजना के नुकसान को घर- घर तक बताने जा रही है। पूरे प्रदेशभर में इस योजना के खिलाफ पदयात्रा निकाली जाएगी। जिसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, समेत तमाम वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे। कांग्रेस ने भाजपा को चुनौती दी है कि यदि अग्निपथ योजना इतनी ही युवाओं और देश के हित में है तो भाजपा के नेता इसके फायदें बताएं। वहीं भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों का पलटवार किया है। बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का कहना है कि कांग्रेस के नेता हताशा में है। कांग्रेस विरोध कर रही है। जबकि अग्निपथ योजना देशहित में है युवा हित में नहीं। वहीं कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर कांग्रेस अग्निपथ योजना को वापस लेगी। क्योंकि अग्निपथ योजना से देश और युवाओं को नुकसान हो रहा है। वहीं खबर आ रही है अग्निपथ योजना से युवाओं का मोहभंग हो रहा है। बीच में अग्निवीर ट्रेनिंग छोड़कर जा रहे हैं और अब सरकार ऐसे अग्निवीरों से खर्च वसूलने की तैयारी कर रही है। सवाल ये है कि यदि अग्निवीर योजना इतनी ही युवा हित में है तो फिर युवा ट्रेनिंग छोड़कर क्यों जा रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने भी इस योजना का विरोध किया है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड को वीरभूमि भी कहा जाता है। अग्निपथ योजना’ की घोषणा 14 जून 2022 को की गई थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार साल के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है, चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने की बात कही गई थी। सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था। हालांकि अब खबरें आ रही है कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती युवा प्रशिक्षण छोड़ कर भाग रहे हैं। इतना ही नहीं सेना मेजर और कैप्टन की कमी से जूझ रही है।
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला ले लिया है। राज्य में एक तरफ जहां कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को धार देने के साथ ही केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ पदयात्रा निकालने जा रही है। सवाल ये है कि क्या कांग्रेस की इस पदयात्रा से पार्टी को कोई लाभ होगा? क्या स्थानीय मुद्दे राज्य की जनता के दिलों में कांग्रेस के लिए जगह बना पाएंगे?