उत्तराखंड- उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य में हुई इंवेस्टर्स समिट के निवेश प्रस्ताव को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने की कोशिशों में लग गई है। इसी कड़ी में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उच्च अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत ऊर्जा, आवास और पर्यटन विभाग में हुए 439 एमओयू की ग्राउंडिंग की समीक्षा की गई। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से राज्य को काफी लाभ मिला है। प्रदेश में अबतक 39 हजार करोड़ का निवेश हो चुका है जबकि 40 हजार से अधिक रोजगार के मौके मिले है। हालांकि विपक्ष इन सभी दावों को हवा हवाई बता रहा है साथ ही सरकार से एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग विपक्ष ने की है। आपको बता दें कि पिछले साल सीएम धामी ने देहरादून में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। मुख्यमंत्री का दावा है कि इस समिट में साढ़े तीन लाख करोड़ के एमओयू साईन हुए हैं। जबकि 44 हजार करोड़ से ज्यादा की ग्राउंडिंग धरातल पर उतर चुकी है का दावा किया गया था। सवाल ये है कि क्या सरकार के ये दावे हवा हवाई है। आखिर क्यों विपक्ष को सरकार के दावों पर यकीन नहीं है? क्या धामी सरकार धरातल पर उतरे निवेश का श्वेत पत्र जारी करेगी?
उत्तराखंड शासन से मिले आंकड़ों के मुताबिक इंवेस्टर्स समिट में आवास विभाग में हुए 125 एमओयू में से 74 पर काम शुरू हो चुका है, जिससे 7429 करोड़ का निवेश आया है। जबकि, 12318 लोगों को रोजगार मिला है। वहीं पर्यटन विभाग में 140 एमओयू पर काम शुरू हुआ है, जिससे 3816 करोड़ का निवेश आया और 5047 रोजगार मिले है। वहीं ऊर्जा विभाग के 193 एमओयू धरातल पर उतरे है, जिससे 28288 करोड़ का निवेश आया और 22 हजार के करीब रोजगार मिले है। एक तरफ जहां सरकार हजारों करोड़ निवेश और रोजगार का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष सरकार को 2018 और 2023 में हुई इंवेस्टर्स समिट में किए गये दावों की याद दिलाते हुए आंकड़ों को हवा हवाई बता रहा है। जबकि सरकार का दावा है कि धामी सरकार के ऐतिहासिक कार्यों की बदौलत ही जनता बार- बार भाजपा पर भरोसा कर कांग्रेस को सबक सिखा रही है।
कुल मिलाकर एक तरफ जहां धामी सरकार इंवेस्टर्स समिट के जरिए निवेश प्रस्ताव को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने की कोशिशों मे लगी हुई है। तो वहीं दूसरी ओर अधिकारियों ने अबतक 39 हजार करोड़ के निवेश होने और 40 हजार से अधिक रोजगार के मौके मिलने का दावा किया है। हालांकि विपक्ष अधिकारियों के इन दावों को हवा हवाई बता रहा है ऐसे में सवाल ये है कि क्या सरकार के ये दावे हवा हवाई है? आखिर क्यों विपक्ष को सरकार के दावों पर यकीन नहीं है? क्या धामी सरकार धरातल पर उतरे निवेश का श्वेत पत्र जारी करेगी?
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