उत्तराखंड- हिंदुओं के आस्था की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा यानि की चारधाम यात्रा का आज यानी कि शुक्रवार से शुरुआत हो गई है। अक्षय तृतीया पर्व पर हर-हर महादेव के जयकारों के साथ बाबा केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 7 बजे खुल गये हैं। इसके साथ ही यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के भी कपाट विधि विधान और पूजा अर्चना के साथ खुल गए हैं। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे। कपाट खुलने का साक्षी बनने के लिए हजारों हजार श्रद्धालु पहले ही चारों धामों में पहुंच गए हैं। वहीं चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। आलम ये है कि अब तक 22 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। सरकार को उम्मीद है कि 75 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस बार चारो धामों के दर्शन के लिए आएंगे। वहीं श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को सकुशल चारों धामों के दर्शन कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। वहीं विपक्ष ने सरकार पर चारधाम यात्रा के लिए कोई तैयारी ना करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने पिछले सालों के अनुभवों से कुछ सीख नहीं ली है। इसकी बानगी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ही देखने को मिल गई है। इसके साथ ही डॉक्टरों की समुचित व्यवस्था ना होना, श्रद्धालुओं के ठहरने के उचित प्रबंधन ना करने समेत तमाम अव्यवस्थाएं है। सरकार का ध्यान सिर्फ श्रद्धालुओं के आंकड़ों पर है ना की व्यवस्थाओं पर। वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर सरकारी आदेशों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है। दअरसल राज्य सरकार ने शुरुआती 15 दिनों तक वीवीआईपी दर्शन पर रोक लगाई है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर उपस्थित होकर अपनी ही सरकार के फैसले का उल्लंघन किया हैं।
आपको बता दें कि 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही विधिवत चारो धामों के कपाट खुल जाएंगे। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही सरकार की टेंशन बढ़ गई है। दअरसल केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य के तहत भवनों के आगे गड्ढों को बनाने से नाराज केदार सभा, तीर्थ पुरोहित समाज और हक-हकूक धारियों ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई ना होने से नाराज होकर केदारनाथ में अनिश्चितकालीन के लिए सभी व्यापारिक और अन्य प्रतिष्ठान अनिश्चितकाल के लिए बंद रख दिया है। जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं इस बीच कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर सरकारी आदेशों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है। दअरसल राज्य सरकार ने शुरुआती 15 दिनों तक वीवीआईपी दर्शन पर रोक लगाई है। ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर उपस्थित होकर अपनी ही सरकार के फैसलो का उल्लंघन किया हैं।
कुल मिलाकर हिंदू आस्था की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा शुक्रवार से शुभारंभ हो गया है। वहीं श्रद्धालुओं में भी चारधाम यात्रा को लेकर काफी उत्साह है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर प्रदेश में पेयजल की कमी, वनाग्नि और तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी के बीच आखिर कैसे सरकार चारधाम यात्रा का संचालन व्यवस्थित तरीके से कर पाएगी ये बड़ा सवाल है।
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