उत्तराखंड- उत्तराखंड ऐसे सरकारी कार्मिक जो अपनी संतान के एकल अभिभावक हैं। उनको अब अपने पूरे सेवाकाल के दौरान अपनी संतान के पालन के लिए दो वर्ष का अवकाश मिल सकेगा। अपनी संतान की 18 वर्ष की आयु पूरी होने तक उनको इसका लाभ मिल सकेगा। यह अवकाश एक बार में पांच दिनों से कम नहीं होगा और न ही 120 दिनों से अधिक हो सकेगा|
वित्त सचिव द्वारा आदेश हुआ जारी
बीते दिन वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने आदेश जारी किया गया। एकल अभिभावक को दिया जाने वाला यह अवकाश अब तक केवल एकल महिला सरकारी सेवक के लिए था। इसके अन्तर्गत विशेष परिस्थितियों में अगर उनकी संतान को कोई बीमारी है तब ऐसे में उनको संतान की 18 वर्ष की आयु तक देख- रेख के लिए अवकाश मिलता था। इसके साथ ही ऐसी एकल महिला कार्मिक जिनकी संतान को चालीस प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता है, ऐसे में संतान की 22 वर्ष की आयु पूरी करने तक उनको दिया जाता है। लेकिन अब यह सुविधा एकल पुरुष अभिभावक के लिए भी उपलब्ध करवा दी गयी है। इसमें अविवाहित, विधुर, तलाकशुदा सरकारी कार्मिक आयेंगे। इसके साथ ही अविवाहित महिला सरकारी सेवक को भी इस अवकाश का लाभ मिलेगा।