उत्तराखंड: वोट से कल तराशना, बेरोजगारी का हल तलाशना !

उत्तराखंड- उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए अब 10 दिन से कम शेष रह गये है। चुनाव की घड़ी नजदीक आते ही राज्य में दिग्गज नेताओं का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह के साथ ही तमाम दिग्गज नेता उत्तराखंड पहुंचकर जनता से बड़े बड़े वादे करेंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड के इस बार 83 लाख 37 हजार से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। ये मतदाता राज्य के 55 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। वहीं पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में रोजगार इस बार भी अहम मुद्दा बना हुआ है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल भाजपा को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं उत्तराखंड के सेवायोजन कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में हर पांचवां युवा मतदाता फिलहाल बेरोजगार है। ऐसे में सियासी दल और प्रत्याशी अपनी प्राथमिकताओं में रोजगार को शीर्ष मुद्दों में रख रहे हैं। कांग्रेस ने भी बेरोजगारी के मुद्दे पर सत्तापक्ष की घेराबंदी कर रखी है। साथ ही कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टों में युवा न्याय के जरिए युवाओँ पर भी विशेष फोकस किया है। कांग्रेस ने युवा न्याय के जरिए 30 लाख सरकारी नौकरी देने और शिक्षित युवा को एक लाख रुपए की अप्रेंटिसशिप का अधिकार देने का वादा किया है हालांकि सत्तापक्ष का कहना है कि कांग्रेस के वादों में कोई सच्चाई नहीं है। सवाल ये है कि क्या 2024 के चुनावी दंगल में बेरोजगारी भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकती है।

पहाड़ पॉलिटिक्स उत्तराखंड में चुनावी मैदान सजा हुआ है। तमाम दल राज्य की पांचों लोकसभा सीटों को फतह करने के लिए रात दिए एक किए हुए हैं। कांग्रेस जहां बेरोजगारी, महंगाई, बदहाल कानून व्यवस्था समेत तमाम मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है। साथ ही इन सभी मुद्दों के सहारे अपनी चुनावी नैया पार की भी उम्मीद लगाए हुए हैं। वहीं इस बीच कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो को जारी कर ये साफ कर दिया है कि कांग्रेस का युवाओं के मुद्दे पर विशेष ध्यान है। कांग्रेस ने युवा न्याय के जरिए 30 लाख सरकारी नौकरी देने और शिक्षित युवा को एक लाख रुपए की अप्रेंटिसशिप का अधिकार देने का भी वादा किया है। कांग्रेस अपने मैनिफेस्टों में किए गये वादों को जनता के बीच पहुंचा रही है। साथ ही राज्य का युवा मतदाता भी बेरोजगारी की वजह से काफी परेशान है। 

आपको बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में इस बार 83 लाख 37 हजार से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। ये मतदाता राज्य के 55 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। वहीं पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में रोजगार इस बार भी अहम मुद्दा बना हुआ है। वहीं उत्तराखंड के सेवायोजन कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में हर पांचवां युवा मतदाता फिलहाल बेरोजगार है। उत्तराखंड में इस बार 18 से लेकर 39 साल तक की उम्र के 40,33,278 युवा अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वहीं, बेरोजगारी की बात करें तो प्रदेश के सेवायोजन कार्यालयों में 8,83,346 बेरोजगार पंजीकृत हैं। इनमें 5,40,683 पुरुष और 3,42,663 महिलाएं शामिल हैं। इस तरह देखें तो उत्तराखंड में 21.90 फीसदी युवा मतदाता बेरोजगार हैं। दूसरे नजरिये से देखें तो हर पांच में से एक युवा मतदाता बेरोजगार है। वहीं राज्य में अब इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है।

कुल मिलाकर चुनाव में जीत के लिए तमाम राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत तो लगा दी है। इसके साथ ही जनता से बड़े बड़े वादे भी किए जा रहे हैं। हालांकि धरातल पर स्थिति विकट है। राज्य का अधिकांश युवा बेरोजगार है। वहीं बढ़ती बेरोजगारी सरकार के दावों की भी पोल खोल रही हैं देखना होगा बेरोजगार युवाओं के हाथों को कबतक रोजगार मिलेगा।

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