बारिश ने डराया, अतिक्रमण ने सताया !

 

उत्तराखंड, उत्तराखंड में भारी बारिश के बीच राज्य में अतिक्रमण हटाओं अभियान प्रदेशभर में तेज हो गया है। राज्य में पहाड़ से लेकर मैदान तक अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस कार्रवाई से खुश नहीं है। उन्होने अधिकारियों को अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं….मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद वन विभाग ने दो दिन में ही तीस हेक्टेयर वन भूमि खाली करवाई है…वहीं राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी अवैध अतिक्रमण करने वालों को अपने आप ही अतिक्रमण हटाने के लिए कहा है ऐसा ना होने पर विभाग को अतिक्रमण हटाने पर आने वाला खर्चे का भी भूगतान देना होगा……वहीं प्रदेशभर में सरकार के इस अभियान का विरोध भी तेज हो गया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस अभियान का विरोध किया है। वहीं अल्मोड़ा के बेस बाजार में नेशनल हाईवे के अधिकारियों ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चिन्हीकरण की कार्रवाई की जिससे नाराज होकर व्यापारियों ने इस कार्रवाई का विरोध किया….व्यापारियों का कहना है कि पहले कोरोना ने उनका व्यापार ठप कर दिया और अब सरकार 35 से 40 सालों से बसे लोगों को उजाड़ने में लगी है। वहीं इसी तरह की नाराजगी जगह जगह पर लोगों की देखने को मिल रही है। 

 

उत्तराखंड में भारी बारिश के बीच राज्य में अतिक्रमण हटाओं अभियान प्रदेशभर में तेज हो गया है। राज्य में पहाड़ से लेकर मैदान तक अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस कार्रवाई से खुश नहीं है। उन्होने अधिकारियों को अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं….मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद वन विभाग ने दो दिन में ही तीस हेक्टेयर वन भूमि खाली करवाई है…वहीं राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी अवैध अतिक्रमण करने वालों को अपने आप ही अतिक्रमण हटाने के लिए कहा है ऐसा ना होने पर विभाग को अतिक्रमण हटाने पर आने वाला खर्चे का भी भूगतान देना होगा……वहीं कांग्रेस ने सरकार के इस अभियान पर सवाल खड़े करते हुए सरकार से पूछा है कि इन लोगों के पुनर्वास की सरकार के पास क्या व्यवस्था है

 

वहीं प्रदेशभर में सरकार के इस अभियान का विरोध भी तेज हो गया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस अभियान का विरोध किया है। वहीं अल्मोड़ा के बेस बाजार में नेशनल हाईवे के अधिकारियों ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चिन्हीकरण की कार्रवाई की जिससे नाराज होकर व्यापारियों ने इस कार्रवाई का विरोध किया….व्यापारियों का कहना है कि पहले कोरोना ने उनका व्यापार ठप कर दिया और अब सरकार 35 से 40 सालों से बसे लोगों को उजाड़ने में लगी है। वहीं पर्वतजन फाउंडेशन ने सरकार की.. इस कार्रवाई का विरोध करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि हाइकोर्ट के एक आदेश की आड़ में पहाड़ में जो सदियों से पुश्तैनी रोजगार व व्यवसाय कर रहे हैं उनको हटाया जा रहा है। पहले ही पहाड़ों से पलायन हो रहा है। तो दूसरी तरफ सरकार ने देहरादून में नदी नालों पर कब्जा किए लोगों को अध्यादेश लाके बचाया

 

 कुल मिलाकर राज्य में एक तरफ जहां भारी बारिश लोगों पर आफत बनकर बरस रही है तो दूसरी ओर सरकार के अतिक्रमण हटाओ अभियान ने लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है। सरकार एक तरफ जहां हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे रही है. तो दूसरी तरफ जगह जगह सरकार के इस अभियान का विरोध भी हो रहा है। ऐसे में देखना होगा क्या सरकार इस भारी विरोध के बाद अपने फैसले की समीक्षा करेगी

 

 

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