देहरादून, एक तरफ जहां सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का वादा कर रही है तो दूसरी तरफ भाजपा सरकार के राज में किसान परेशान है। दअरसल उत्तरप्रदेश की तरह उत्तराखंड सरकार ने भी गन्ने की एमएसपी में कोई बदलाव नहीं किया है, जिससे किसान काफी नाखुश है। किसानों को पिछले साल की तरह सामान्य प्रजाति के गन्ने पर 345 रुपये और अगेती प्रजाति के गन्ने पर 355 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान किया जाएगा….उत्तराखंड सरकार का तर्क है कि जब यूपी ने गन्ने का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया तो हमने भी नहीं बढ़ाया…सरकार की तरफ से गन्ने का समर्थन मूल्य ना बढ़ाए जाने से गन्ना किसान परेशान है। गन्ना किसानों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। वही विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। कांग्रेस ने गैरसैण में हो रहे बजट सत्र में इस मुद्दे को प्रमुख्ता से उठाने की चेतावनी दी है।
पहले से परेशान अन्नदाता को भाजपा की सरकार ने फिर बड़ा झटका दिया है। दअरसल उत्तरप्रदेश की तरह उत्तराखंड सरकार ने भी गन्ने की एमएसपी में कोई बदलाव नहीं किया है, जिससे किसान काफी नाखुश है। किसानों को पिछले साल की तरह सामान्य प्रजाति के गन्ने पर 345 रुपये और अगेती प्रजाति के गन्ने पर 355 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान किया जाएगा….उत्तराखंड सरकार का तर्क है कि जब यूपी ने गन्ने का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया तो हमने भी नहीं बढ़ाया…सरकार की तरफ से गन्ने का समर्थन मूल्य ना बढ़ाए जाने से गन्ना किसान परेशान है…किसानों ने सरकार से गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग की है ऐसा ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है
एक तरफ जहां गन्ना किसानों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है तो वही दूसरी तरफ राज्य में इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी-कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर आमने सामने है कांग्रेस ने सरकार को घेरने की रणनीति भी तैयार कर ली है। कांग्रेस ने गैरसैण में हो रहे बजट सत्र में इस मुद्दे को प्रमुख्ता से उठाने की चेतावनी दी है। वहीं बीजेपी का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने और उनकी आय दोगुनी करने का प्रयास कर रही है कांग्रेस को अपने कार्यकाल को याद करना चाहिए
कुल मिलाकर एक तरफ जहां महंगाई ने किसानों की कमर तोड़ रखी है तो दूसरी तरफ सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य ना बढ़ाकर किसानों को बडा झटका दिया है। इतना ही नहीं गन्ना किसानों का बकाया भुगतान भी अभी तक नहीं हो पाया है। जिससे किसान और भी ज्यादा परेशान है ऐसे में सवाल ये है कि क्या सरकार अपने इस फैसले पर पुन विचार करेगी, क्या विपक्ष का दबाव किसानों के लिए फायदेमंद होगा, क्या सरकार महंगाई बढ़ाकर और गन्ने का समर्थन मूल्य ना बढ़ाकर किसानों की आय को ऐसे दोगुना करना चाहती है