एसटीएफ को मिली बढ़ी कामयाबी, चीनी एप से करते थे धोखाधड़ी

देहरादून| आए दिन बहुत से ठगी के मामले सामने आए है लेकिन अब उत्तराखंड के देहरादून जिले में चीनी एप से की जाने वाली ठगी सामने आई है। लोगों को कर्ज और सट्टेबाजी में फ़साने वाले 2 या 4 चीनी एप नहीं बल्कि पूरे 232 चीनी एप को केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दी गई है। इस पूरी कार्रवाई का सीधा कनेक्शन देहरादून से है। आज से दो साल पहले देहरादून में इन चीनी एप के जरिए लोगों के साथ ठगी हुई जिसका खुलासा किया गया था। सूत्रों के मुताबिक देशभर के लोगों से 300 करोड़ की ठगी की गई थी। जिसके बाद आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जांच की गई तो यह पता चला की ठगी करने वाले 15 मोबाइल एप संचालित करते है तब उस समय उत्तराखंड के 247 लोगों को जाल में फंसाया गया था। रविवार को केंद्र सरकार द्वारा काफी जांच की गई थी जिसके बाद 232 चीनी ऐप को बंद करने के निर्देश दिए गए। इस ठगी का सबसे पहला खुलासा देहरादून में किया गया था। 2021 में डीजीपी ने पुलिस मुख्यालय में बताया की एक व्यक्ति को लोन को लेकर मैसेज आया था और मैसेज में एक लिंक था जब उस पर क्लिक किया तो उनसे विभिन्न शुल्क के नाम पर काफी रुपए मांगे गया थे। लोग ठगों के अकाउंट में रुपए जमा करवाते गए और देखते ही देखते कुल 17 लाख रुपए ठगों को खाते में उन्होंने जमा कर दिए। जब उनको ठगी का एहसास हुआ तो सारी सूचना साइबर थाने को दी गई। मामला दर्ज होते ही एसआई  रोशनी रावत ने सारे मामले की जांच की और 29 दिसंबर 2022 को की गई शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया। जांच की तो पता चला की जिस लोन एप से लोगों के साथ ठगी की जा रही थी उसको हेक्टर लेंडकरो प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी संचालित कर रही थी। 

दिल्ली में भी थे एजेंट 

पूरी कंपनी का जब ब्योरा किया तो पता लगा की एप को चीन में कई लोग चलाते है और इनका एक एजेंट दिल्ली में भी है। पुलिस इस मामले को लेकर इंटरपोल को भी पत्र लिखा।लोन एप की सारी जानकारी लेने के बाद थाना पुलिस कंपनी के अंकुर ढींगरा निवासी मोहन गार्डन, उत्तम नगर नई दिल्ली तक चले गए और उसको गिरफ्तार कर लिया। इनके साथ चीन के पाँच लोग भी जुड़े हुए थे जीनके नाम कुआंग योंग गुआंग उर्फ बोल्ट, मियाओ झांग उर्फ सिसेरो, वांजुए ली उर्फ फोर्स, ही झेबो उर्फ लियो और डिफान वैंग उर्फ स्कॉट वैंग भी शामिल थे। 

गुमराह करने के लिए एप के नाम भारतीय नाम पर रखे 
साथ ही उससे यह भी खुलासा किया गया की सभी ऐप भारतीय नाम के बनाए गए है। जिस पर लोग बहुत आसानी से विश्वास कर लेते थे। रुपी गो, रूपी हेयर, लोनयू, क्विक रूपी, पंच मनी, ग्रैंड लोन, ड्रीम लोन, कैशमो, रुपीमो, क्रेडिट लोन, लेंडकर, रॉक ऑन, होप लोन, लेंड नाऊ और कैश फुल आदि शामिल हैं। लेकिन पाँच लोन एप वो भी है जिनकी राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर पहले ही 95 शिकायत दर्ज कराई गई थी। अब उत्तराखंड एसटीएफ ने मोबाइल ऐप के माध्यम से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह को पकड़ लिया है। जिसमें पता चला है की कम से कम 57 करोड़ का लेन-देन है और साथ ही यह भी खुलासा किया गया कि धोखाधड़ी से ली गई रकन को क्रिप्टो करेंसी के रूप में चीन भेज दिया गया है। ठगी को रोकने के लिए इस्तेमाल पावर बैंक एप को चीन से संचालित किया जा रहा है और इसकी जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।  

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