संपत्ति पर बवाल, मेयर पर सवाल !

देहरादून,  उत्तराखंड में आय से अधिक संपत्ति के मामले पर बवाल छिड़ गया है। दअरसल राज्य के सबसे बड़े नगर निगम देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा है….आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक मेयर बनने के बाद सुनील उनियाल गामा ने 11 संपत्ति 5 करोड में खरीदी जिनका बाजार मूल्य 20 करोड़ है। आरोप है कि मेयर गामा ने अपने मात्र साढ़े चार साल के कार्यकाल में ही 10 गुना से ज्यादा कर लिया…..विपक्ष ने गामा के बहाने सरकार की करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल खड़े करते हुए…मेयर गामा से इस्तीफा देने की मांग की है। वहीं मेयर सुनील उनियाल गामा ने इन सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि मेरी पत्नी और बच्चे भी कमाते हैं….ऐसे में मेरी पारिवारिक संपत्ति में इजाफा हो गया तो क्या गुनाह हो गया…..मेयर गामा का दावा है कि उन्होने पान और चाऊमीन की दुकान चलाने समेत अन्य कामों से उन्होने संपत्ति बनाई है…..

 करप्शन पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के मेयर सुनील उनियाल गामा पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक मेयर बनने के बाद सुनील उनियाल गामा ने 11 संपत्ति 5 करोड में खरीदी जिनका बाजार मूल्य 20 करोड़ है। आरोप है कि मेयर गामा ने अपने मात्र साढ़े चार साल के कार्यकाल में ही 10 गुना से ज्यादा कर लिया……आरटीआई से हुए इस खुलासे के बाद मेयर सुनील उनियाल गामा ने इन सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि मेरी पत्नी और बच्चे भी कमाते हैं…. मेयर गामा का दावा है कि उन्होने पान और चाऊमीन की दुकान चलाने समेत अन्य कामों से उन्होने संपत्ति बनाई है…..

  मेयर सुनील उनियाल गामा पर उठे सवाल के बाद विपक्ष सत्तापक्ष पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, और यूकेडी सभी दलों ने मेयर सुनील उनियाल गामा की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए सरकार से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। साथ ही मेयर सुनील उनियाल गामा से इस्तीफे की भी मांग की है

 कुल मिलाकर करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति का नारा देने वाली भाजपा के राज में मेयर पर करप्शन के आरोप लगना बेहद गंभीर है….सवाल ये है कि यदि सरकार की नीयत साफ है तो अबतक सरकार ने इस मामले में जांच क्यों नहीं बिठाई, मेयर गामा यदि इतने साफ है तो उन्हें अपनी सफाई पेश करने में इतनी देर क्यों लग गई….क्यो मेयर गामा नैतिकता के आधार पर जांच होने तक इस्तीफा नहीं दे रहे हैँ। ऐसे अनगिनत सवाल हे जिसके जवाब का सबको इंतजार है

About Post Author